
ग्रेटर नोएडा. दनकौर को गुरु द्रोण की कर्मभूमि कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को दनकौर में शिक्षा-दीक्षा दी थी। यहां गुरु द्रोणाचार्य का मंदिर आज भी विराजमान है। एकलव्य ने यहीं पर ही धर्नुविद्या सीखी थी। बताया जाता है कि महाभारत काल में एकलव्य ने गुरु द्रोण की मूर्ति बनाई थी। जो आज भी मंदिर में पूरे वैभव के साथ विराजमान है। समय के साथ-साथ दनकौर का नाम भी चेंज कर दिया गया। जानकारों की माने तो प्राचीन काल में कस्बा द्रोणकौर के नाम से विख्यात था। शिक्षा नगरी के नाम से मशहूर दनकौर के स्टूडेंंट्स हर साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में बाजी मारते है। यहां गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के अलावा कॉलेज की भरमार है।
गौतमबुद्धनगर जिले में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट मेंं पहला स्थान हासिल करने वाले दनकौर के ही स्टूडेंट्स है। हाईस्कूल में दनकौर के बिहारी लाल इंटर कॉलेज के रोहन कुमार सैनी ने 92.5 प्रतिशत अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान हासिल किया है। जबकि इंटरमीडिएट में बीडीआरडीएसएमआईसी कॉलेज की अंजलि शर्मा ने 89 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान हासिल किया है। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट मेंं दनकौर के 6-6 स्टूडेंट्स ने टॉप टेन में जगह बनाई है।
दनकौर के इन स्टूडेंंट्स ने बनाई टॉपटेन में जगह
दनकौर का नाम गुरु द्रोण के नाम पर पड़ा है। महाभारत काल में गुरु द्रोण ने पांडव और कौरवों को शिक्षा-दीक्षा दी थी। आज भी इस नगरी का पौराणिक महत्व है। हर साल दनकौर के स्टूडेंंट्स टॉपटेन में जगह बनाते है। इस बार भी दनकौर के स्टूडेंंट्स ने बाजी मारी है। हाईस्कूल में दनकौर के बिहारी लाल इंटर कॉलेज के रोहन कुमार सैनी ने 92.5 प्रतिशत अंक हासिल कर जिले में पहला, बीडीआरडी के केशव कुमार ने 90.3 अंक हासिल कर दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं दनकौर के एसडी इंटर कॉलेज के सचिन ने चौथा, अमित ने छठवां, कपिल व श्वेतांजलि ने आठवां और नौवा स्थान हासिल किया है। इंटरमीडिएट में बीडीआरडीएसएमआईसी कॉलेज की अंजलि शर्मा ने 89 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान हासिल किया है। बिहारी लाल इंटर कॉलेज की प्रिंयंका ने पांचवा, अनुराधा ने छठवां, पवन दीक्षित ने सातवां, अंजलि ने आठवां और राहुल सिंह ने नौवा स्थान हासिल किया है।
गुदडी के लाल ने किया कमाल
बिलासपुर के राजेंद्र इंटर कॉलेज के फैजान सैफी ने हाईस्कूल में 80 प्रतिशत अंक हासिल किए है। परिवार आर्थिक रुप से कमजोर होने के बाद में फैजान का हौसला नहीं टूटा। फैजान की मां चमन सैफी घरों मेंं जाकर काम करती है। चमन सैफी ने बताया कि फैजान 3 माह का था, उसी दौरान पिता की मौत हो गई थी। परविार का पेट पालने के अलावा चमन सैफी ने बच्चों को पढ़ा रही है। फैजान का सपना इंजीनियर बनने का है। फैजान का कहना है कि इंजीनियर बनने के लिए हर कोशिश की जाएगी।
इंटर का गिरा रिजल्ट
हाईस्कूल
2018......81.51
2017......75.4
2016......92
2015......83
2014......88
इंटरमीडिएट
2018......82.74
2017......85.19
2016......88
2015......88
2014......91
पिछले कुछ सालों में इस बार इस बार यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के रिजल्ट में गिरावट आई है। इंटरमीडिएट का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में करीब 3 प्रतिशत गिरा है। पिछले चार के मुकाबले इस साल कम रहा है। हाईस्कूल के रिजल्ट में पिछले साल की तुलना में सुधार हुआ है।
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Published on:
30 Apr 2018 07:47 am
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