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यूपी के इस जिले में ही बनेगा देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

अथॉरिटी अधिकारियों और किसानों के बीच हुई मीटिंग

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यूपी के इस जिले में ही बनेगा देश का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट


ग्रेटर नोएडा. जेवर एयरपोर्ट के लिए पहले चराण में आठ गांवों की जमीन का अधिग्रहण यमुना अथॉरिटी को करना है। लेकिन अभी तक गांव के किसान जमीन देने को तैयार नहीं थे। जमीन को लेकर गुरुवार को किसान और यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन डॉक्टर प्रभात कुमार, सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह व अन्य अधिकारियों के बीच में मीटिंग हुई। मीटिंग के दौरान किसानों ने अपनी चार सुत्रीय मांग रखी है। किसानों ने मीटिंग के दौरान कहा कि उनकी मांग पूरी की जाने के बाद ही एयरपोर्ट के लिए जमीन दी जाएगी।


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जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी में किसानों के साथ में अथॉरिटी अधिकारियों के बीच में मीटिंग हुई थी। मुआवजे में बढ़ोतरी और अन्य नियमों को स्पष्ट करने के लिए किसानों ने अधिकारियों से कहा है। इस दौरान करीब 150 किसानों के साथ मीटिंग हुई थी। इस दौरान यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन डॉक्टर प्रभात कुमार ने प्रॉजेक्ट के फायदे बताते हुए जमीन देने की किसानों से अपील की है। किसानोंं ने मांग की है कि जिन्हें विस्थापित किया जाएगा, उनको उतनी ही जमीन दी जाए। जितनी जमीन में वे फिलहाल रह रहे है।

साथ ही एक गांव के लोगों को एक ही जगह जमीन दी जाए। किसानों ने तीसरी मांग अधिकतर किसानों को 2300 रुपये प्रति वर्ग मीटर का मुआवजा व नौकरी अादि पर सहमति मांगी है। शासन की तरफ से एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कहीं गई थी। किसानों ने मांग रखी है कि अगर परिवार के किसी सदस्य की उम्र ज्यादा है तो उसके किस सदस्य को नौकरी दी जाएगी। किसानों ने नौकरी की परिभाषा को स्पष्ट करने के बारे में कहा है। मीटिंग के दौरान चेयरमैन ने मुआवजे व आबादी के बराबर जमीन छोड़े जाने की मांग को सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। बाकी मुद्दो में विचार करने का आश्वासन दिया है। हालाकि यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों की तरफ से साफ कहा गया है कि अगर 31 अगस्त तक 31 अगस्त तक किसानों की सहमति नहीं मिली तो एयरपोर्ट प्रोजेक्ट रद्द कर दिया जाएगा।

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