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अथॉरिटी ने बायर्स के लिए उठाया बड़ा कदम, 600 से अधिक डिफॉल्टर की लिस्ट जारी

बिल्डर्स इंडस्ट्री, कर्मिशयल व रेजीडेंशियल समेत 600 से अधिक डिफॉल्टर आवंटियों की लिस्ट ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अफसर जारी कर चुके हैं।

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ग्रेटर नोएडा। शहर में डिफॉल्टरों की कोई कमी नहीं है। बिल्डर्स ने बायर्स को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया। वहीं बिल्डर्स इंडस्ट्री, कर्मिशयल व रेजीडेंशियल समेत 600 से अधिक डिफॉल्टर आवंटियों की लिस्ट ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अफसर जारी कर चुके हैं। यमुना के बाद में नोएडा भी बायर्स को राहत देने के लिए बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। सोमवार को मीटिंग के दौरान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीईओ की माने तो बायर्स को राहत देने के लिए बिल्डर्स पर शिकंजा कसा जाएगा। प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 203 बिल्डर प्रोजेक्ट हैं। अथॉरिटी की डिफॉल्टर लिस्ट में 100 से अधिक बिल्डर दर्ज हैं। इन बिल्डर प्रोजेक्ट में हजारों बायर्स के करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं। आए दिन बायर्स अपने घर की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। बायर्स की समस्या का हल करने के निर्देश योगी सरकार ने दिए हुए हैं। बायर्स की समस्या को हल कराने की मांग को लेकर सोमवार को ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ ने अफसरों के साथ मीटिंग कर जल्द से जल्द हल निकालने के निर्देश दिए हैं। अथॉरिटी अफसरों की माने तो यमुना अथॉरिटी की तर्ज पर जल्द ही बायर्स को घर दिलाने की तैयारी की जा रही है।

दरअसल में यमुना अथॉरिटी ने जेपी ग्रुप के एक प्रोजेक्ट को रद्द कर लैंडयूज चेंज करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस जमीन को बेचकर खुद का और बायर्स का कर्ज चुकाने का कदम यमुना अथॉरिटी ने उठाया है। ऐसे में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी भी जल्द ही आम्रपाली, यूनिटेक समेत कई बिल्डर प्रोजेक्ट को रद्द करने की तरफ कदम बढ़ाया है। ग्रेनो अथॉरिटी अफसरों की माने तो बिल्डर प्रोजेक्ट को रद्द करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ देवाशीष पांडा ने बताया कि डिफॉल्टरों से पैसा वसूलने और बायर्स को राहत देने की पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी डिफॉल्टरों को चेतावनी दी जा चुकी है। साथ ही जल्द ही उन्हें रकम जमा कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। अगर जल्द ही डिफॉल्टरों ने रुपये नहीं लौटाए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे बिल्डर्स भी चिहिन्नत कर लिए गए हैं, जिन्होंने कई साल पहले भूखंड लिए थे। अभी तक निर्माण कार्य नहीं शुरू किया है और बायर्स से फ्लैट देने के नाम पर रुपये ले चुके हैं। ऐसे बिल्डर्स का जल्द ही आवंटन रद्द किया जाएगा।