
ग्रेटर नोएडा। नोटबंदी (Notebandi) के तीन साल बाद भी 1000 और 500 के पुराने नोट बदले जा रहे हैं। इसका खुलासा ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) पुलिस (Police) ने किया है। पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पुराने 1000 व 500 रुपये की बंद करेंसी वाले नोटों को कमीशन लेकर नए नोटों में बदल रहा था। गिरोह के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 500 व 1000 के 4 लाख 55 हजार रुपये बरामद किए हैं। आरोपियों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में काम करने वाला कलर्क और पुलिस कॉन्स्टेबल (Police Constable) भी शामिल हैं।
आरोपियों के नाम
कासना कोतवाली की गिरफ्त में आए आरोपियों के नाम संजय निवासी सिकंदराबाद (बुलंदशहर), सचिन निवासी कासना (गौतमबुद्धनगर), सोनू निवासी कासना (गौतमबुद्धनगर), जनकराज निवासी इकोटेक प्रथम (गौतमबुद्धनगर), रविन्द्र कुमार निवासी सेक्टर-36 (ग्रेटर नोएडा), मनीष निवासी सूरजपुर (गौतमबुद्धनगर), दीपक कुमार निवासी बीटा 2 (गौतमबुद्धनगर), देवेन्द्र शर्मा निवासी भजनपुरा (दिल्ली), विवेक निवासी गोपालपुर (दिल्ली), मनोज निवासी सेक्टर 137 (नोएडा) और रमेश निवासी बीटा-2 (गौतमबुद्धनगर) हैं। गिरोह के सदस्य नोटबंदी के दौरान सरकार द्वारा बंद किए गए 1000 और 500 के नोटों को बदलने का काम करते थे।
ऐसे काम करता था नेटवर्क
पुलिस के मुताबिक, कासना पुलिस ने शनिवार को 11 आरोपियों को 4 लाख 55 हजार रुपये के 1000 व 500 के पुराने नोट बरामद किए हैं। आरोपी दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद और बुलंदशहर से पुरानी बंद हुई करंसी एकत्रित करते थे। फिर आरोपी इनको नए नोटों से बदलने के लिए 10, 15 या 20 फीसदी कमीशन लेते थे। आरोपी संजय, सचिन, सोनू व जनकराज मिलकर दिल्ली निवासी देवेन्द्र शर्मा व विवेक से पुरानी करेंसी लेते थे। देवेन्द्र शर्मा वजीराबाद दिल्ली निवासी बिजेंद्र सिंह उर्फ छंगा व सरदार से पुरानी करेंसी लेता था जबकि विवेक दिल्ली निवासी गौतम से पुराने नोट लेता था। आरोपी संजय दिल्ली निवासी सुधांशु जैन से भी पुरानी करेंसी लेता था।
ई-टिकटिंग का काम करता है आरोपी
मनोज चौधरी दीपक और सिपाही सचिन बैंसला के संपर्क में था। वह इनको पुराने नोट देता था। दीपक व सिपाही सचिन बैसला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अस्थायी क्लर्क रविन्द्र और मकोड़ा निवासी मनीष को पुराने नोट देते थे। रविन्द्र और मनीष पुराने नोट लेकर नऐ नोट देने का काम करते थे। रविंद्र और मनीष पुराने नोटों को रमेश को देते थे। बीटा-2 ग्रेटर नोएडा में ई-टिकटिंग का काम करने वाला रमेश इन नोटों को बदलता था।
सिपाही है फरार
मुखबिर की सूचना पर कासना कोतवाली पुलिस ने शनिवार को ओमीक्रोन फर्स्ट के गेट नंबर-4 के पास से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनसे 2 लाख 55 हजार रुपए के पुराने नोट भी मिले हैं। इन से दो कारें भी मिली हैं। उनसे पूछताछ के बाद तीन अन्य लोगों को उनके घर से 2 लाख रुपयों के 1000 व 500 के पुराने नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी जोन-3 ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार का कहना है कि इस मामले में अभी पांच लोग फरार चल रहे हैं। इनमें पुलिस कांस्टेबल सचिन बैसला भी शामिल है।
गिरफ्तार आरोपी
1. संजय पुत्र श्यामवीर सिंह निवासी मलपुर थाना सिकंदराबाद, बुलंदशहर
2. सचिन पुत्र रमेश चन्द निवासी ग्राम लडपुरा थाना कासना, गौतमबुद्धनगर
3. सोनू पुत्र लीलू निवासी ग्राम सलेमपुर गुर्जर थाना कासना, गौतमबुद्धनगर
4. जनकराज पुत्र चन्द्रपाल सिंह निवासी ग्राम दाउदपुर थाना इकोटेक प्रथम, गौतमबुद्धनगर
5. रविन्द्र कुमार पुत्र सतेन्द्र सिंह निवासी B-63B सेक्टर-36, ग्रेटर नोएडा
6. मनीष पुत्र किरण पाल सिंह निवासी ग्राम मकोडा थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर
7. दीपक कुमार पुत्र देवेंद्र कुमार निवासी F-84 बीटा 2 थाना बीटा-2, गौतमबुद्धनगर
8. देवेन्द्र शर्मा पुत्र शिवदत्त शर्मा निवासी A-212, साउथ गामडी, भजनपुरा, दिल्ली
9. विवेक उर्फ बोबिन्द्र पुत्र सरदार सिंह निवासी गली नं. 6, ग्राम गोपालपुर, दिल्ली
10. मनोज उर्फ मनवीर पुत्र जतन चौधरी निवासी H-303, अजनारा डफलोडेन सेक्टर- 137, नोएडा
11. रमेश पुत्र राधे ठाकुर निवासी H-175 सेक्टर बीटा 2, गौतमबुद्धनगर
फरार आरोपियों के नाम
1. बिजेन्द्र सिंह उर्फ छंगा निवासी वजीराबाद दिल्ली
2. सरदार निवासी वजीराबाद दिल्ली
3. सिपाही सचिन बैंसला, गौतमबुद्धनगर
4. गौतम उर्फ मोटा निवासी दिल्ली
5. सुधांशु जैन निवासी दिल्ली
Updated on:
23 Feb 2020 10:09 am
Published on:
23 Feb 2020 10:04 am
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