
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही नोटबंदी और जीएसटी की तारीफ करते नहीं थकते हों, लेकिन केन्द्र सरकार के इस कदम से कई लोग पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला कासना थाना क्षेत्र के गामा-सेकेंड सेक्टर का है, जहां नोटबंदी और जीएसटी के कारण कारोबार ठप होने से कर्ज में डूबेे एक व्यक्ति ने अपना घर छोड़ दिया और कहीं चला गया। वहीं उसके परिजनों में पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज करा दिया। लेकिन रविवार को पुलिस ने जब अपहृत को खोज निकला तो पूरी कहानी ही बदल गई।
दरअसल, नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद कर्ज से परेशान होकर व्यक्ति ने खुद ही घर छोड़ दिया, लेकिन उसके बेटे ने कासना थाने में अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई थी। उसमें जारचा थाना क्षेत्र के छोलस गांव के तीन लोगों को नामजद भी कराया गया था। वहीं पुलिस की मानें तो अपहरण की कहानी रचने में उदयराज का भी हाथ हो सकता है। इसके लिए जांच की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
उदयराज प्रॉपर्टी का काम करता है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद उसका काम बिलकुल ठप हो गया। कारोबार न चलने से वह कर्ज में डूब गया है। उस पर 60 लाख रुपये का कर्ज हो गया है। काम न होने से वह कर्ज नहीं चुका पा रहा था, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत परेशान रहता था। बीती 9 मार्च को एच-44, सेक्टर गमा-सेकेण्ड निवासी आदित्य कुमार ने कासना थाने में सूचना दी कि उसके पिता उदयराज का अपहरण कर लिया गया है। वह 3 लाख 85 हजार रुपये विजया बैंक में जमा करने गए थे, तभी उनका अपहरण कर लिया गया। इसमें जारचा थाना क्षेत्र के छोलस गांव निवासी अब्बास, मुजब्बिर और राजा नाम के व्यक्तियों को नामजद कराया गया था।
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रिपोर्ट लिखने के बाद कासना थाने के प्रभारी बृजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीम ने घटना की जाँच शुरू की। आखिर सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उदयराज को हौंडा चौक के कासना पुलिया से बरामद कर लिया। उनके पास से दस्तावेज के अलावा 2 लाख 90 हजार रुपये भी बरामद किये गए। उदयराज ने बताया की घर छोड़ने के बाद वह डेयरी के धंधे की सम्भावनायें तलाशने के लिए कई जगह गया, जिससे वह कमाई कर कर्ज चुका सके।
डीआईजी लव कुमार ने बताया कि पूछताछ करने पर उदयराज ने बताया उस पर 60 लाख रुपये का कर्ज है। इससे वह काफी परेशान रहता था। बीती 5 मार्च को वह अपनी पत्नी को एक पत्र लिखकर घर छोड़ दिया था। पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि उदयराज को अब्बास, मुजब्बिर और राजा ने ही कर्ज दिया था। इसलिए अपहरण की झूठी घटना में उन्हें नामजद कराया गया था। जिससे उन्हें कर्ज से मुक्ति मिल सके।
पुलिस अब इस बात की जाँच कर रही है कि उदयराज ने जो पत्र अपनी पत्नी को दिया था, उसमे क्या लिखा था और उस पत्र के बारे में परिवार वालों ने पुलिस को जानकारी क्यों नहीं दी। डीआईजी ने बताया कि जांच में अगर किसी आपराधिक षड्यंत्र की बात सामने आई तो उदयराज और उनके परिवार वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
18 Mar 2018 06:54 pm
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