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अनोखे फैशन शो में मॉडल्स ने बिखेरी ग्रामीण विकास और वनवासी परिधानों और गहनों की चमक, देखें तस्वीरें

Highlights- आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर (वर्चुअल) के 49वां संस्करण- महिला कारीगरों के सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहा है ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान

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ग्रेटर नोएडा. आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर (वर्चुअल) के 49वें संस्करण के चौथे दिन एक अनोखा फैशन शो आकर्षक का केंद्र रहा। मेले के प्रेसीडेंट नीरज खन्ना ने बताया कि इस आयोजन में ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान, बाड़मेर और ब्लिस ज्वेल द्वारा निर्मित उत्पादों और जनजातीय आभूषणों का प्रदर्शन मॉडल्स द्वारा किया गया।

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हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान गैर सरकारी संगठन है, जो 1998 से बाड़मेर जैसलमेर जिले में जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। संगठन का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के गठन के माध्यम से महिला कारीगरों के सशक्तिकरण की दिशा में काम करना है। शहरी बाजारों की मांग के अनुसार, उत्पादों को विकसित करने के लिए ऐप्लिके कट वर्क और पैचवर्क की पारंपरिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। यह संगठन राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में लगभग 100 पुरुषों और 11,000 महिला कारीगरों के साथ काम करता है। ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान के इस फैशन शो में मॉडल्स ने ग्रामीण विकास और चेतना संस्थान के कारीगरों द्वारा बनाए गए परिधानों का प्रदर्शन किया।

फैशन शो में ब्लिस ज्वेल के जनजातीय आभूषणों को भी खूब सराहा गया। फैशन शो में खास आकर्षण रहे इन गहनों के साथ ही आज जिन फैशन ज्वैलरी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। उनमें वैदेही रत्न और आभूषण, मैगोज इंडस्ट्री, रतन टेक्सटाइल्स और एशियन हैंडीक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के गहने शामिल थे।