
Heavy Rain Alert (IANS)
IMD Latest Prediction: मौसम विभाग के लेटेस्ट पूर्वानुमान की मानें तो दिल्ली-एनसीआर और हिमाचल प्रदेश में मानसून ने रफ्तार बढ़ा दी है। इसके चलते दिल्ली-एनसीआर समेत हिमाचल प्रदेश में मौसम सुहावना बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून का दौर और तेज हो गया है। ऐसे में 18 जुलाई तक यानी अगले सात दिनों तक प्रदेश में भारी से अतिभारी बारिश होने की संभावना है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों कहना है कि बीती रात मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। इस दौरान रोहतांग दर्रा और मनाली की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इसके चलते शनिवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.6 डिग्री कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीती रात मंडी में सर्वाधिक 126 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर भी भारी बारिश दर्ज की गई है। अब मौसम विभाग ने अगले सात दिनों तक कहीं भारी तो कही मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की है।
बात अगर दिल्ली-एनसीआर के मौसम की करें तो IMD के मुताबिक अगले सात दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग के लेटेस्ट पूर्वानुमान के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री के बीच और न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मानसून दिल्ली-एनसीआर पर मेहरबान है।
बात अगर यूपी की करें तो मौसम विभाग ने बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र, कानपुर देहात और कानपुर नगर में शनिवार को भारी बारिश की संभावना बताई है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले सात दिनों में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी रहेगा। वहीं बात अगर पश्चिमी यूपी की करें तो एनसीआर के जिलों समेत पूरे पश्चिमी यूपी में अगले सात दिनों तक कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही बिहार में भी मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। IMD के अनुसार, बिहार में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार को बिहार के 40 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। शनिवार सुबह तक भूस्खलन और अन्य कारणों से दो नेशनल हाईवे एनएच-003 और एनएच-21 समेत कुल 247 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। इसके अलावा 463 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं और 781 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां दो राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा 207 सड़कें, 272 ट्रांसफार्मर और 175 पानी की योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मंडी के सिराज, गोहर और करसोग क्षेत्रों में 30 जून की रात बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कांगड़ा जिले में 606 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। अब तक इस मानसून सीजन में बारिश से संबंधित घटनाओं में 92 लोगों की मौत हो चुकी है, 33 लोग लापता हैं और 172 लोग घायल हुए हैं। सबसे अधिक मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जहां 21 लोग मारे गए, जबकि कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10, चम्बा में 9 और बिलासपुर में 7 लोग मृत पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त करीब एक हजार कच्चे और पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, 184 दुकानें और 779 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। मानसून में अब तक 21500 पोल्ट्री पक्षियों और 953 पशुओं की भी मृत्यु हो चुकी है।
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Updated on:
14 Jul 2025 07:34 am
Published on:
12 Jul 2025 04:29 pm
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