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कूड़े के ढेर में पड़े शख्स को 6 माह तक समझते रहे पागल, सच्चाई सामने आई तो रह गए हैरान

locationग्रेटर नोएडाPublished: Apr 22, 2019 03:44:49 pm

Submitted by:

virendra sharma

माता-पिता की मौत के बाद मानसिक संतुलन खो बैठा था पप्पु
करीब 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद परिजनों तक पहुंचा था पीड़ित

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कूड़े के ढेर में पड़े शख्स को 6 माह तक समझते रहे पागल, सच्चाई सामने आई तो रह गए हैरान

ग्रेटर नोएडा. कूड़े के ढेर में एक शख्स 6 माह से भूखा प्यासा पड़ा रहा। लोग भी उसे पागल समझकर निकल जाते। उसकी व्यथा कोई नहीं सुनता था। लेकिन एक युवक की उसपर नजर पड़ी तो कुछ ही घंटे की मेहनत के बाद उसके परिजन भी मिल गए। बताया गया है कि पिता-माता की मौत के बाद वह मानसिक संतुलन खो बैठा और घर से निकल गया। सूचना मिलने पर परिजन भी उसे लेने पहुंच गए। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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ग्रेटर नोएडा के साइट-4 स्थित ग्रैंड वेनिस मॉल के सामने इंडस्ट्रियल एरिया है। इस जगह सेक्टरों और कंपनियों से निकलने वाला कूड़ा डाला जाता है। डेल्टा-1 निवासी सुनील नागर ने बताया कि इस कूड़े के ढेर में कराहते हुए विकास उर्फ पप्पू यादव मिला था। वह मूलरुप से बिहार के पटना का रहने वाला है। सुनील ने बताया कि वह भूखा-प्यासा पड़ा हुआ मिला था। उसके बारे में पता करने की कोशिश की गई। बातचीत के दौरान वह कुछ शब्द अंग्रेजी के बोला तो उससे जानकारी मिलने की उम्मीद बढ़ गई। काफी देर बातचीत करने के बाद में पप्पू ने एक मोबाइल नंबर दिया। उन्होंने बताया कि वह खास कुछ नहीं बता पा रहा था। लेकिन उसे मोबाइल नंबर जरुर याद था। जब मोबाइल पर कॉल की गई तो वह उसके फूफा का निकला। मामले की जानकारी पप्पु के फूफा को दी गई। उन्होंने बताया कि उस नंबर पर बाद में फूफा को वीडियो कॉल की। फूफा देखकर पप्पू रोने लगा।
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फूफा ने सुनील को बताया कि उसके माता पिता की मौत हो चुकी है। मौत के बाद वह मानसिक संतुलन खो बैठा। इसका इलाज भी कराया जा रहा था, लेकिन वह एक दिन अस्पताल से अचानक गायब हो गया। बाद में सुनील ने 108 नंबर पर कॉल कर एंबुलेंस की मांग की, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। उसके बाद में पुलिस की मदद से कासना स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे कूड़े में भूखा प्यासा देखकर आस—पास के लोग गुजर जाते थे। लेकिन किसी ने उसकी परेशानी के बारे में जानने का प्रयास नहीं किया। सुनील के महज कुछ घंटे के प्रयास के बाद पप्पु अपने परिजनों तक पहुंच गया। इससे पहले भी सुनील सिंह पंजाब के रहने वाले अंग्रेज सिंह को उनके परिजनों से मिला चुके है।

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