13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बड़ा खुलासा, इस बदमाश की पिस्टल से हुई थी मुन्ना बजरंगी की हत्या

बागपत जेल में होते थे गैरकानूनी काम

3 min read
Google source verification
murder

बड़ा खुलासा, इस बदमाश की पिस्टल से हुई थी मुन्ना बजरंगी की हत्या

ग्रेटर नोएडा. मुन्ना बजरंगी की हत्या की जांच में जुटी पुलिस के सामने आए दिन नए-नए खुलासे हेा रहे है। पुलिस खुलासे में साफ हुआ है कि जेल के अंदर ही सभी गैरकानूनी कार्य होते थे। कैदियों के लिए शराब से लेकर शबाब तक की व्यवस्था थी। जेल में बंद कैदी रुपये के दम पर ऐसोआराम की जिदंगी जीते है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि कई दिन पहले ही जेल में पिस्टल पहुंच गई थी। पिस्टल मुन्ना बजरंगी की नहीं, बल्कि जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सुनील राठी की बताई जा रही है। उधर सुनील राठी पिस्टल को मुन्ना बजरंगी की बता रहा है।

यह भी पढ़ें: मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद इन लोगों की बढ़ा दी गई सुरक्षा

बागपत जेल में 9 जुलाई को पूर्वांचल के कुख्यात मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जेल में हुई हत्या के बाद में शासन तक में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में एक जेलर समेत 5 को शासन की तरफ से निलबिंत किया जा चुका है। वहीं मुन्ना की पत्नी सीमा सिंह पहले ही मुन्ना बजरंगी की हत्या की आशंका जता चुकी थी। दरअसल में मुन्ना झांसी जेल में बंद था। मुन्ना को बागपत के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में बागपत जेल में पेशी के लिए 8 जुलाई को लाया गया था। पुलिस सुत्रो की माने तो वेस्ट यूपी में बढ़ते मुन्ना बजरंगी की बढ़ती दखलदांजी और उस दिन दोनों के बीच में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। जिसके विवाद में सुनील राठी ने मुन्ना की गोली मारकर हत्यर कर दी।

हत्या के दौरान सुनील के अन्य साथी भी थे मौजूद

सुत्रो की माने तो हत्या के बाद में सुनील ने सबूत मिटाए थे। वह हत्या करने के बाद भी नहाया भी था। ताकि फोरेंसिक जांच के लिए हाथ से साक्ष्य न पुलिस जुटा सके। माना जा रहा है कि पूरे हत्याकांड को प्लानिंग से अंजाम दिया गया है। जेल में सीसीटीवी कैमरों का न होने की वजह से वह अपनी प्लानिंग में सफल रहा है। बताया जाता है कि राठी का जेल में दबदबा है, जिसकी वजह से उसने अपने कपडे भी धुलवाएं थे। बताया जाता है कि राठी के लिए जेल में बाहर से टिफिन में खाना आता था। सुत्रो की माने तो पूरी घटना को अजाम सुनील ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। कयास यह भी लगाया जा रहा है कि टिफिन के जरिए ही पिस्टल जेल में पहुंची थी। सुत्रो की माने तो 2 व तीन दिन पहले ही पिस्टल जेल में पहुंची थी। सुनील के रुतबे की बात करें तो उससे मिलने आने वालों की जेल के रजिस्टर में एट्री नहीं हुआ करती थी। यहीं वजह है कि पूर्व सांसद भी सुनील से मिलने के लिए डासना जेल में पहुंचा था। पूर्वांचल से कुछ समय पहले ही एक पूर्व सांसद मिलने के लिए सुनील राठी के पास में जेल आया थे।

जेल में था दबदबा

सुत्रो की माने तो बागपत जेल में सुनील राठी का दबदबा था। जेल में गैरकानूनी कार्य भी होते थे। बताया जाता है कि तन्हाई बैरक के बावजूद भी उसका सभी कैदियों के बीच में हस्तक्षेप था। उसके खिलाफ कोई कैदी बोलता था तो उसे चुप करा दिया जाता है। जेल में शराब, शबाब से लेकर नशे के सामने इंताजाम थे। एसटीएफ की माने तो सुनील राठी जेल में पहले से पिस्टल रखता था। पहले से ही जेल में हथियार रखवाएं गए थे। पिस्टल मुन्ना बजरंगी की नहीं, बल्कि जिसके बल पर वह जेल में हुकुमत करता है। उसका खौफ जेल के बंदी रक्षक नहीं जेलर भी खाते थे। गुर्गो की वजह से जेल अधिकारी भी उससे कुछ नहीं बोल पाते थे। यहीं वजह है कि कानून को ताक पर रखकर जेल मेंं खेल खेला जा रहा था।

यह भी पढ़ें: मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद ऐसे मचा हड़कंप, देखें वीडियो