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Noida News: बदलने जा रहे ग्रेटर नोएडा के कई सेक्टरों के नाम, औद्योगिक विकास मंत्री ने किया ऐलान

ग्रेटर नोएडा के कुछ सेक्टर के नाम कोविड-19 के स्वरूपों डेल्टा एवं ओमिक्रॉन से मिलते-जुलते हैं। जिसे देखते हुए मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने ग्रेटर नोएडा में कई सेक्टरों के नाम बदले जाने के निर्देश दिए हैं।

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उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की कवायद में अब ग्रेटर नोएडा का नाम भी शामिल हो गया है। औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अधिकारियों के साथ ए मीटिंग करते हुए यह निर्देश दिए कि ग्रेटर नोएडा के सेक्टर के नाम सरल, आसान तरीके से और जनता के हित के अनुसार बदले जाएंगे। दरअसल वह दो-दिवसीय दौरे पर गौतम बुद्ध नगर जिले में आए थे। इस दौरान उन्होंने शहर में इलेक्ट्रिक वातानुकूलित बसों के जल्द संचालित किए जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए थे।

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नाम बदलने के पीछे ये वजह

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान अधिकारियों से कहा था कि राज्य द्वारा संचालित बसें उपलब्ध कराना और सेक्टर के नाम बदलना ग्रेटर नोएडा निवासियों की मुख्य मांगों में शामिल हैं। उन्होंने कहा था कि ग्रेटर नोएडा के कुछ सेक्टर के नाम कोविड-19 के स्वरूपों डेल्टा एवं ओमिक्रॉन से मिलते-जुलते हैं। जिसे देखते हुए मंत्री ने ग्रेटर नोएडा में कई सेक्टरों के नाम बदले जाने के निर्देश दिए हैं।

चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक एसी बसें

गौरतलब है कि पिछले साल नोएडा के निवासियों के लिए गाजियाबाद, कौशांबी और मुरादनगर समेत आधा दर्जन से ज्यादा रूट्स पर ई-बसों के संचालन की बात कही गई थी। इसी सिलसिले में ग्रेटर नोएडा रोड पर एक डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाया जा रहा है। यह बस सेवा गाजियाबाद से नोएडा के बीच चलेगी। इसके बाद नोएडा से गाजियाबाद के रूट पर मेट्रो रेल के साथ ही ई-बसों से सफर करने का विकल्प भी खुल जाएगा। वहीं चार्जिंग स्टेशन बनाने की लागत करीब 14 करोड़ रुपये होगी।

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22 हजार वर्गमीटर एरिया में होगा तैयार

गौरतलब है कि ई-बसों के लिए ग्रेटर नोएडा रोड पर अकबरपुर-बहरामपुर में बस डिपो बनाया जा रहा है। यह करीब 22 हजार वर्गमीटर एरिया में तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए 14 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। डिपो की चारों ओर से बाउंड़ीवॉल, वर्कशॉप, ड्रावइर और कंडक्टर के लिए रेस्ट रूम और ऑफिस बनाने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही इसी परिसर में चार्जिंग स्टेशन भी बनाया जा रहा है। इसके लिए बिजली विभाग डिपो तक अलग से बिजली की लाइन खींच रहा है। जिस रफ्तार से डिपो का काम चल रहा है।