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काम करने पर कटेगी अफसरों की सैलरी मान्यता के अनुसार नहाने के बाद में कपड़ों को भी वहीं छोड़ देते है। लाल कुआं के पास चिपियाना गांव में तालाब के पास में कुत्ते की कब्र भी मौजूद है। कुत्ते की कब्र पर लोग पूजा करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। लोगोंं की माने तो रविवार को वो लोग कुत्ते की कब्र की पूजा करने आते हैं, जिन्हें कुत्ते ने काटा हो। कुत्ते की कब्र पर पूजा करने के बाद में तालाब में नहाते है। कब्र के पास में ही तालाब है। हालांकि यहां एक पक्का तालाब भी बनाया दिया गया है। मान्यता है कि नहाने के बाद में कपड़े भी छोड़ने होते है। बताया कि सदियों से देश के कोने—कोने से लोग आते है। यहीं वजह है कि जिला प्रशासन भी तालाब और कब्र के आस—पास के एरिया का जीर्णोद्दार करने में लगा है। यह भी पढ़ें
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यह है मान्यता दादरी तहसील के चिपियाना गांव में कुत्ते की कब्र है। इसके पीछे मान्यता है कि चिपियाना गांव में एक बंजारा रहता था। उसने एक कुत्ता पाला, वह काफी वफादार था। बंजारा कुत्ते से बहुत प्यार करता था। उसने बच्चे की तरह कुत्ते को पाला था। एक बार बंजारे की हालत खस्ता हो गई। उसने एक व्यापारी से कर्ज ले लिया। काफी कोशिश के बाद में बंजारा कर्ज को चुका नहीं पाया। जब व्यापारी पैसो के लिए दवाब बनाने लगा तो बंजारे ने उनके पास में कुत्ते को गिरवी रख दिया। एक दिन व्यापारी के यहां चोर घूस आए। कुत्ते ने घर से चोरोें को कुछ भी ले जाने नहीं दिया। खुश होकर व्यापारी ने बंजारे को कर्ज मुक्त कर कुत्ते को उनके पास में भेज दिया। बंजारा पूरे घटनाक्रम से अनजान था। कुत्ते को अपने पास देखकर बंजारे को बेइज्जती का अहसास हुआ। उसले सोचा कि वह व्यापारी के पास से भाग आया है। उसने कुत्ते की पिटाई करनी शुरू कर दी। पिटाई के दौरान कुत्ते ने दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि बाद में बंजारे ने कुत्ते की कब्र बनाई थी। तभी से मान्यता चली आ रही है कि कुत्ते की कब्र की पूजा करने और तालाब में नहाने से कुत्ते के काटने का उपचार कराने की जरुरत नहीं होती है।