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भाजपा नेताओं के गांव में प्रवेश पर रोक, विधानसभा चुनाव में बहिष्कार के लगे पोस्टर

जेवर विधानसभा के आछेपुर गांव में लगे पोस्टर। ग्रामीणों ने दर्ज मुकदमे वापस नहीं होने पर चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया।

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ग्रेटर नोएडा। जेवर विधानसभा के रबूपुरा थाना क्षेत्र के आछेपुर गांव में ग्रामीणों ने एक पंचायत कर फैसला किया है कि अगर ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं हुए तो वो चुनावों का बहिष्कार करेंगे और गांव में किसी भी भाजपा नेता व कार्यकर्ता को प्रवेश नहीं करने देंगे। इसके लिए बकायदा उन्होंने पम्पलेट छपवाए और उनको पूरे गांव में घर-घर और गांव के प्रवेश मार्ग पर लगाया गया। ग्रामीणों ने पंचायत में सर्वसम्मति से 11 लोगों की एक कमेटी बनाई है, जो आगे की रणनीति पर कार्य करेगी।

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दरअसल, आछेपुर गांव में लगे पंपलेट पर लिखा है "गांव में किसी भी भाजपा नेता और कार्यकर्ता के आने पर रोक है।" इसके अलावा कुछ पंपलेट पर लिखा है कि "मुकदमे वापस नहीं हुए तो करेंगे चुनाव का बहिष्कार।" ग्रामीणों के गुस्से कारण ये है कि बीते 2 अगस्त को गांव की एक 28 वर्षीय महिला पूनम की रबूपुरा में एक निजी अस्पताल में ऑपेरशन के दौरान मौत हो गयी थी। जिसपर परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था और डॉक्टर के खिलाफ लिखित में शिकायत थाने में दी थी। जिसके बाद पुलिस में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था लेकिन लिखित शिकायत के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। जिसको लेकर ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और वो 3 अगस्त को शव को रबूपुरा गोलचक्कर पर रखकर धरने पर बैठ गए थे।

लोगों का आरोप है कि करीब 4 घण्टे धरने पर बैठने के बाद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।जिसके बाद लोगों ने धरना समाप्त कर दिया था। आरोप है कि पुलिस ने उल्टा उन्हीं लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। धरना देने पर रबूपुरा कोतवाली में 31 नामजद व 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, सड़क जाम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पँचायत का आह्वान किया।

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पंचायत में सभी लोगों ने धरनारत लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे की निंदा की और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की।इस मामले में ग्रामीण मुख्यमंत्री और अन्य पुलिस अधिकारियों से कार्यवाही की मांग कर चुके हैं। इन लोगों ने मुख्यमंत्री से शिकायत में कहा है कि स्थानीय पुलिस निर्दोष लोगों को फंसा रही है और आरोपियों को बचा रही है। ग्रामीणों ने पंचायत में सर्वसम्मति से 11 लोगों की एक कमेटी बनाई है जो आगे की रणनीति पर कार्य करेगी।पँचायत में चेतावनी दी गयी कि अगर लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होंगे तो पूरा गांव चुनावो बहिष्कार करेगा।