रिपोर्ट के अनुसार अटॉर्नी जनरल ने शनिवार देर रात एक धार्मिक सम्मेलन में यह टिप्पणी की, जहां उन्होंने एक प्रतिभागी को जवाब दिया था। जिसने पूछा था कि ईरान से मोरलिटी पुलिस को क्यों हटाया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बल को फिर से एक अलग संदर्भ में या एक अलग नाम के तहत स्थापित किया जाएगा या नहीं। समाचार एजेंसियों ने बताया है कि मौत की सजा और ‘नैतिकता’ अपराधों के लिए कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी।
इससे एक दिन पहले मोंटेजरी ने कहा था कि संसद और न्यायपालिका दोनों (इस मुद्दे पर) काम कर रहे हैं कि क्या महिलाओं को अपने सिर को ढंकने वाले कानून को बदलने की जरूरत है। राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने शनिवार को टेलीविजन पर टिप्पणियों में कहा था कि ‘ईरान की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत थी ‘लेकिन संविधान को लागू करने के ऐसे तरीके हैं जो लचीले हो सकते हैं।’
1979 की क्रांति के चार साल बाद हिजाब अनिवार्य हो गया, जिसने अमेरिका समर्थित राजशाही को उखाड़ फेंका और इस्लामिक गणराज्य ईरान की स्थापना की। क्या है मोरलिटी पुलिस
नैतिकता पुलिस- जिसे गश्त-ए इरशाद या के रूप में भी जाना जाता है। ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के कार्यकाल में ‘तहजीब और हिजाब की संस्कृति को फैलाने’ के लिए स्थापित की गई थी। इकाइयों ने 2006 में गश्त शुरू की।