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राजनीतिक संकट से जूझ रहा इजराइल, दोबारा चुनाव करा सकते हैं नेतन्याहू

नेतन्याहू सरकार बनाने में अक्षम हैं पूर्व रक्षा मंत्री एविगडोर लिबरमैन ने डाला अड़ंगा नेतन्याहू और लिबरमैन के बीच बैठक बेनतीजा रही

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benjamin

नेतान्याहू

जेरूसलम। इजराइल संसद को भंग करने का प्रस्ताव सोमवार को पास हो गया। इसकी वजह से देश में राजनीतिक गतिरोध बढ़ गया है। हाल ही में हुए चुनावों में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जनादेश मिलता दिख रहा था। इस विधेयक के पारित हो जाने पर इजरायल में फिर से चुनाव कराना पड़ेगा। नौ अप्रैल को हुए चुनाव के बाद जहां नेतन्याहू जीत की तरफ जाते दिख रहे थे। उनकी लिकुड पार्टी 120 सदस्यीय संसद में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। पारंपरिक सहयोगी के विजयी उम्मीदवारों को मिलाकर वह 65 सीटों पर बढ़त बनाती दिख रही थी। मगर सरकार बनाने अंतिम तिथि तक नेतन्याहू सरकार बनाने में अक्षम दिखे। उनके संभावित गठबंधन में पूर्व रक्षा मंत्री एविगडोर लिबरमैन उनके विरोध में आ गए।

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कानून को लेकर आईं दूरियां

एक कानून को लेकर दोनों के बीच दूरियां आ गईं। लिबरमैने ने नए कानून को परित करने पर जोर दिया था। इसके तहत यूहिदियों के अलावा भी अन्य युवाओं को मिलिट्री में भेजा जाए। वहीं नेतन्याहू ने पुराने प्रस्ताव को बरकरार रखा। लिबरमैन की पार्टी इजरायल बेतेनु पार्टी के पास पांच सीटे हैं और उसके बिना नेतन्याहू सरकार नहीं बना सकते। लिबरमैन ने कहा कि प्रस्तावित कानून एक प्रतीक बन गया है और हम अपने प्रतीकों के मामले में नहीं झुकेंगे। नेतन्याहू और लिबरमैन सोमवार शाम मिले और रास्ता निकालने के लिए चर्चा की। इजरायली मीडिया के मुताबिक, यह बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। लिकुड के नेताओं ने बताया कि नेतन्याहू जल्द नए चुनाव के आदेश दे सकते हैं।

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