scriptओमान की खाड़ी में दूसरी बार तेल टैंकरों पर हमला, मदद के लिए पहुंची अमरीकी नौसेना | Suspected attack on Two tankers in Gulf of Oman months after 4 tankers were attacked at same spot | Patrika News

ओमान की खाड़ी में दूसरी बार तेल टैंकरों पर हमला, मदद के लिए पहुंची अमरीकी नौसेना

locationनई दिल्लीPublished: Jun 13, 2019 04:36:44 pm

Submitted by:

Shweta Singh

ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर संदिग्ध हमला
ब्रिटेन के समुद्री सुरक्षा समूह ने दी जानकारी
हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया

दुबई। ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर संदिग्ध हमले की जानकारी मिल रही है। इसके बाद उसमें सवार कर्मी दलों को नाव खाली करना पड़ा। ब्रिटेन के समुद्री सुरक्षा समूह ने इस बारे में जानकारी दी है। बाद में अमरीकी नौसेना ने भी इस घटना की पुष्टि की है। बता दें कि यह हमला ठीक उसी जगह हुआ है, जहां एक महीने पहले चार टैंकरों को निशाना बनाया गया था।

जानकारी के मुताबिक, मार्शल आइलैंड और पानामा के झंडे लगे हुए इन दोनों टैंकरों में विस्फोट हुआ है, जिससे इन्हें काफी क्षति पहुंची है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक टैंकर नार्वे की एक कंपनी का है। ब्रिटेन की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि यूके और उसके सहयोगी इस घटना की जांच कर रहे हैं।

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Oil Tankers

टैंकरों पर हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

वहीं, दूसरी ओर इस घटना की जानकारी मिलते ही कच्चे तेल की कीमतों में अचानक उछाल आया है। खबरों के मुताबिक कच्चे तेल के मूल्यों में चार फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस हमलेके बाद ईरान और अमरीका के बीच जारी तनाव और बढ़ गया है। हालांकि, इस घटना के बाद ओमान या संयुक्त अरब अमीरात प्रशासन और शीप ऑपरेटरों और प्रशासन की तरफ से इस घटना पर किसी तरह की पुष्टि नहीं की गई। उधर ईरानी मीडिया ने भी खबरों की पुष्टि की है, लेकिन किसी तरह के सबूत होने से इनकार किया है। आपको बता दें कि एक महीने पहले इसी इलाके में हुए हमले के बाद सऊदी अरब ने ईरान पर आरोप लगाया था।

नहीं मिले थे ईरान की संलिप्तता के सबूत

यही नहीं, इस संबंध मेें UAE, सऊदी अरब और नॉर्वे ने UNSC में एक संयुक्त रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में किसी देश के (State Actor) हाथ होने की संभावना जताई गई थी। हालांकि, अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार वह देश कौन सा है। इसके साथ ही इसमें ईरान की संलिप्तता के सबूत भी नहीं मिले थे।

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काफी समय से क्षेत्र में जारी है तनाव

गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय से तनाव जारी है। यही नहीं अमरीका और ईरान के बीच चल रही खींचतान का असर भी इस इलाके में देखा जा सकता है। बता दें कि अमरीका ईरान की ओर से एक कथित हमले का खतरा बताते हुए, एहतिहात के तौर पर फारस की खाड़ी में एक विमानवाहक पोत और बी-2 बमवर्षक विमानों की तैनाती की योजना बना रहा है।

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