
private schools will be closed: नया शिक्षा सत्र 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है, लेकिन मध्य प्रदेश के गुना जिले के 145 निजी स्कूलों पर ताले लग सकते हैं। इन स्कूलों ने निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम (RTE) के नियमों का पालन नहीं किया, जिससे अब वे संचालन के योग्य नहीं रह गए हैं। इन स्कूलों के बंद होने से करीब 11 हजार छात्र प्रभावित होंगे, जिन्हें अन्य सरकारी या निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
शिक्षा विभाग की जांच में सामने आया कि 131 निजी स्कूलों ने मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन ही नहीं किया। इन स्कूलों के संचालकों ने खुद ही इसे बंद करने का फैसला किया, क्योंकि वे नियमों का पालन करने में असमर्थ हैं। वहीं, 14 अन्य स्कूल ऐसे हैं, जिनकी मान्यता पूरी तरह रद्द कर दी गई है।
स्कूलों की यह स्थिति तब सामने आई, जब तीन साल बाद मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। सवाल यह उठता है कि पहले इन स्कूलों की मान्यता देते समय कमियों को क्यों नहीं देखा गया? अगर शुरुआत में ही भौतिक सत्यापन किया जाता, तो आज इतने बड़े पैमाने पर स्कूलों को बंद करने की नौबत नहीं आती।
बंद हो रहे स्कूलों के छात्रों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। जिला परियोजना समन्वयक ऋषि शर्मा के अनुसार, अभिभावकों को यह विकल्प दिया जाएगा कि वे अपने बच्चों को किसी अन्य निजी स्कूल में दाखिला दिला सकते हैं। यदि ऐसा नहीं करते, तो शिक्षा अधिनियम के तहत उन्हें निकटतम सरकारी स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
गुना जिले में कुल 621 स्कूलों की मान्यता प्रक्रिया चल रही है। अब तक 213 स्कूलों को मान्यता दी जा चुकी है जबकि 244 स्कूलों की फाइलों पर अभी निर्णय बाकी है। इसके अलावा, 19 स्कूलों की मान्यता की फाइल ब्लॉक स्तर पर अटकी हुई है। शिक्षा विभाग इस पूरे मामले की समीक्षा कर रहा है और नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है। देखना होगा कि प्रभावित छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कितनी कारगर साबित होती है।
Updated on:
12 Mar 2025 09:42 am
Published on:
12 Mar 2025 09:41 am
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