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Guna Nagar Palika : बाबू की कॉलोनाइजरों से सेटिंग, आधी-अधूरी कागजी प्रक्रिया, फिर भी अनुमति

-जांच में खुला मामला, बाबू को किया निलंबित

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गुना

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Praveen Mishra

Mar 12, 2022

बाबू की कॉलोनाइजरों से सेटिंग, आधी-अधूरी कागजी प्रक्रिया, फिर भी अनुमति

बाबू की कॉलोनाइजरों से सेटिंग, आधी-अधूरी कागजी प्रक्रिया, फिर भी अनुमति

गुना। यदि आपकी नगर पालिका में कॉलोनी बनाने की अनुमति देने वाले संबंधित शाखा के बाबू से सेटिंग हैं तो आपको आधी-अधूरी प्रक्रिया के बाद भी कॉलोनी काटने की अनुमति मिल जाएगी, यदि आपकी सेटिंग नहीं हैं तो आपको अनुमति मिलने में महीनों लग जाएंगे।ऐसा ही एक मामला एडीएम और डूडा अधिकारी आदित्य सिंह द्वारा की जा रही जांच में सामने आया। इसमें एक क्लर्क दीपक धाकड़ की अह्म भूमिका सामने आई है जिसको निलंबित कर दिया है। जिसमें देखने को मिला कि कॉलोनाइजरों द्वारा काटी जा रही कॉलोनियों में विकास के लिए आए आवेदन फाइल तक में नही ंलगाए गए थे और कॉलोनी बनाने की अनुमतियां भी आधी अधूरी प्रक्रिया के तहत दी गई थी।
कुछ समय से शहर में क्षेत्र बढऩे के बाद कॉलोनाइजरों द्वारा बड़ी संख्या में कॉलोनियां काटी जा रही हैं। बिना विकास किए नागरिकों को प्लॉट बेच दिए गए हैं। शहर का इलाका लगातार बढ़ता जा रहा है। कॉलोनाइजरों द्वारा बड़ी संख्या में कॉलोनियां काटी जा रही हैं। न तो कॉलोनियों में सड़कें हैं और न ही बिजली की व्यवस्था है।बिना किसी विकास के ही कॉलोनी काट दी जा रही है। इसकी वजह से प्लॉट खरीदकर मकान बनाने वालों को बाद में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बिना सड़क, बिजली और अन्य सुविधाओं के उन्हें रहने को मजबूर होना पड़ता है। रहवासियों को सुविधाएं न मिलने से आए दिन कोई न कोई कॉलोनी के लोग शिकायत करने कलेक्ट्रेट पहुंच रहे हैं।
अनुमति से पूर्व जमा करना पड़ता है विकास शल्क
कोई भी कॉलोनाइजर किसी कॉलोनी को विकसित करता है तो उसे पहले नगरपालिका से अनुमति लेनी पड़ती है। विकास शुल्क उसे भरना पड़ता है। इसी से बचने के लिए कॉलोनाइजर नपा के कर्मचारियों के साथ मिलकर खेल करते हैं। उनसे विकास का आवेदन तो ले लिया जाता है, लेकिन उसे फाइल में नहीं लगाया जाता। उन्हें कॉलोनी बनाने की अनुमति दे दी जाती है। इससे वह बिना कोई प्राथमिक विकास किये ही ताबड़तोड़ कॉलोनी काट देते हैं। विकास का आवेदन फाइलों में लंबे समय से नहीं लगाया जा रहा था।
जांच में आई हकीकत
कॉलोनाइजरों से सांठगांठ के चलते फाइलोंं में आवेदन न लगाने का मामला जांच के दौरान उजागर हुआ एडीएम ने जब इन फाइलों की जांच की तो उसने सामने आया कि नपा के कर्मचारी द्वारा विकास से संबंधित आवेदन तक फाइलों में नहीं लगाए जाते। बिना इनके ही अनुमति जारी कर दी जाती है। अधिकतर फाइलों की यही हालत मिली। उनमे आवेदन ही नहीं लगा था।
कर्मचारी पर कार्यवाही
फाइलों की जांच के बाद सामने आयी सच्चाई के बाद नगरपालिका के कर्मचारी पर कार्यवाही की गई है। आवेदन लेना और कॉलोनाइजर के आवेदन को फाइल में लगाना, यह उस कर्मचारी की ड्यूटी है। इसलिए नियमों का पालन न करने पर नगरपालिका के कर्मचारी दीपक धाकड़ पर एडीएम एवं डूडा अधिकारी आदित्य सिंह ने कार्यवाही की है। उन्हें अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है।
इनका कहना है
- जांच में पाया कि उस कर्मचारी ने नियमों का पालन नहीं किया है, यह उसकी गंभीर लापरवाही है। नगर पालिका के कर्मचारी दीपक धाकड़ को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। लापरवाह कर्मियों को कतई नहीं छोड़ा जाएगा।
आदित्य सिंह एडीएम गुना