
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस कदम
गुना@प्रवीण मिश्रा की रिपोर्ट...
कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने अधिकृत ट्विटर से कांग्रेस का नाम हटा दिया है। सिंधिया के द्वारा कांग्रेस का नाम हटाने से राजनीतिक गलियारों में हडकंप मच गया है।
ऐसे में जहां मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर आफत के बादल छाते नजर आ रहे हैं। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि चुकिं सिंधिया हमेशा से ही खुद को समाज सेवी बताते हैं। और वर्तमान में भी वे न तो सांसद हैं और न ही मुख्यमंत्री ऐसे में वे अपनी सार्वजनिक छवि को किसी भी पार्टी से जोड़े बिना समाज सेवी ही दिखा रहे हैं।
वहीं सिंधिया के इस कदम की चर्चा सामने आते ही गुना यानि वह क्षेत्र जहां से वे सांसद का चुनाव लड़ते रहे हैं... के लोगों ने सिंधिया को लेकर कुछ खास बातें कहीं। जो इस प्रकार हैं...
सिंधिया सांसद और मंत्री रहे, उन्हें कभी लालबत्ती का मोह नहीं रहा। उनका बड़ा कद है। वर्तमान में जो पद हैं। उन्होंने वहीं लिखा है। पूर्व सांसद हटा देना कोई विरोध नहीं है।
- संजीव विजयवर्गीय, कांग्रेस नेता
सिंधिया परिवार का हमेशा समाज से जुड़ाव रहा है और वे सच्चे समाजसेवी हैं। उनके पास कोई पार्टी का पद नहीं है। वे समाजिक व्यक्ति हैं। विरोध होता तो वे कोई टिप्पणी करते।
- सुनील शुभम, कांग्रेस नेता
उनके (सिंधिया) द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात, कार्यक्रमों में हिस्सा लेना बताता है कि वे काम कर रहे हैं। उनके विरोध की कोई जानकारी नहीं है।
- योगेंद्र लुंबा, प्रदेश महासचिव कांग्रेस
वे (सिंधिया) सच्चे जनसेवक हैं। वे पहले से ही कहते आए हैं। पद की लालसा नहीं है। वे राजनीति में भी सेवा के लिए आए हैं।
- संजय देशमुख, ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस
वे (सिंधिया) किसानों के हितैषी हैं। ट्वीटर से पूर्व सांसद हटाना उनका विरोध नहीं हैं। विरोध होता तो वे जरूर कोई कमेंट करते।
- अनुज जैन, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष
वहीं इसके पहले उनके ट्विटर पर कांग्रेस महासचिव 2002 से 2019, और पूर्व केंद्रीय मंत्री लिखा था। सोशल मीडिया साइट पर कांग्रेस से किनारा करने के सिंधिया के इस एक्शन से सियात गरमा गई है। वहीं इससे उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं को बल मिला है।
सिंधिया द्वारा कांग्रेस का नाम हटाए जाने से उनके भाजपा में जाने की अटकलें एक बार फिर शुरू हो गईं हैं। कुछ जानकारों की मानें तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) को बार-बार पत्र लिखकर सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
वहीं अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने अपने ट्विटर अकाउंट से पार्टी का नाम हटाकर सबको हैरानी में डाल दिया है। सिंधिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से पार्टी का नाम हटाते हुए खुद को समाजसेवक और क्रिकेटप्रेमी बताया है।
वहीं सिंधिया के भाजपा से जुड़ाव को इस बात से भी बल मिल रहा है कि उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। इससे पहले भी वह कई बार प्रधानमंत्री की तारीफ कर चुके हैं। वहीं ये भी चर्चा है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही वह कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं।
वहीं दूसरा कारण जो बताया जाता है उसके अनुसार सिंधिया समर्थकों ने पार्टी हाईकमान से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की थी, लेकिन अभी तक नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर सिर्फ चर्चाएं ही चलती आ रही हैं। इसके लिए कई दौर की बैठक भी हो चुकी है, मगर कांग्रेस मध्यप्रदेश में पार्टी को एकजुट रखने वाले नेता को ढूंढ नहीं पाई है।
ये किया ट्विटर में बदलाव...
सिंधिया ने कांग्रेस से किनारा करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर खुद को समाज सेवी और क्रिकेट प्रेमी बताया है और साथ ही साथ प्रोफाइल पर अपना पद भी हटा दिया है। सिंधिया के इस तरह से अपनी प्रोफाइल से पार्टी का नाम हटाने और अपना पद बदलने पर मध्यप्रदेश में सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
scindia समर्थकों ने भी बदली प्रोफाइल...
वहीं दूसरी ओर एक नई सूचना ये आ रही है कि सिंधिया समर्थकों ने भी प्रोफाइल बदल दी है। जिसे जानकार एक बड़ी बात मान रहे हैं। सिंधिया के समर्थकों में इमरती देवी सहित कुछ समर्थकों/ नेताओं ने अपनी प्रोफाइल में बदलाव कर दिया है।
ज्ञात हो बीते महीने (अक्टूबर) में सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 4 पत्र लिखे थे, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद और प्रदेश की सड़कों की हालिया हालत पर काम करने की बात कही थी। वहीं नवंबर महीने में भी सिंधिया ने CM कमलनाथ को पत्र लिखते हुए दतिया के लोगों की समस्याएं CM कमलनाथ से साझा की थी।
अपने इस पत्र में सिंधिया ने दतिया के लोगों की समस्याएं बताते हुए CM कमलनाथ को जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं द्वारा बताई जनता की समस्याओं से अवगत कराया। सिंधिया ने लिखा कि इन समस्याओं में महाविद्यालय बनाने, किसान फसल मुआवजा, जर्जर सड़कों की मरम्मत और अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार जैसी जरुरी समस्याएं थी, साथ ही पत्र में इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया था।
Updated on:
25 Nov 2019 01:34 pm
Published on:
25 Nov 2019 12:05 pm
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