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POLITICS: कौन रच रहा है सिंधिया की राजनीति खत्म करने की साजिश?

POLITICS: मध्यप्रदेश की गुना की राजनीति में चल रही है इन दिनों उथल-पुतल...। सोशल मीडिया पर पोस्ट से मचा है बवाल....।

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गुना

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Manish Geete

Sep 09, 2022

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गुना। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) समर्थकों के बीच छिड़ा विवाद थम नहीं रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (mahendra singh sisodia) के करीबी राजकुमार रघुवंशी प्रिंस की सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रही है। उन्होंने जो लिखा है उससे गुना क्षेत्र की राजनीतिक गरमाई हुई है।

राजकुमार रघुवंशी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि तीन पीढिय़ों से लगातार सिंधिया परिवार का झंडा बुलन्द करने वाले महेन्द्र सिंह सिसौदिया और उनके परिवार को राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (congress digvijay singh) द्वारा डेमेज करने की साजिश रची जा रही है। नगर पालिका चुनाव में सिंधिया परिवार के सबसे खास सिपहसालार महेन्द्र सिंह सिसौदिया को ज्योतिरादित्य सिंधिया से दूर करने की साजिश के चलते छुटभैये नेताओं को खरीद लिया गया है।

राजकुमार रघुवंशी (rajkumar raghuwanshi) यहीं नहीं रुके, उन्होंने सिंधिया के निजी सचिव (पीए) पर भी आरोप लगाया है कि पैसे के पीछे भागने वाले सिंधिया के पीए को भी इस खेल में मिला लिया है। अगर यही हालात रहे और सिसौदिया को महाराज की नजरों में डेमेज करते रहे तो वह दिन दूर नहीं कि गुना से सिंधिया की विरासत खत्म हो जाएगी और दिग्विजय सिंह का मकसद पूरा हो जाएगा।

दिग्विजय ने चल दी आखिरी चाल

उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा है कि क्योंकि जनाधार वाले नेता केवल महेन्द्र सिंह सिसौदिया हैं, जो दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह का भविष्य खराब कर सकते हैं। जहां एक ओर महेन्द्र सिंह सिसौदिया के दादाजी सागर सिंह सिसौदिया राजमाता विजयाराजे सिंधिया के साथ खड़े नजर आए तो उनके पुत्र और पौत्र माधवराव सिंधिया और पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कंधे से कंधा मिलाकर क्षेत्र की राजनीति में सिंधिया का वर्चस्व चमकाते रहे। मगर चाणक्य माने जाने वाले दिग्विजय सिंह ने अपनी आखिरी चाल चल दी। देखना होगा कि सिंधिया इस चाल को समझ पाते हैं या नहीं। क्योंकि भाजपा के बड़े नेता भी इस चाल में शामिल हैं और लगातार सिंधिया को डेमेज करने में लगे हुए हैं। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिहं सिसौदिया से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका पक्ष नहीं आ पाया।