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पहले ही दिन भंग हुई बोर्ड मूल्यांकन व्यवस्था जिस बैग में कॉपियां उसे खोलने की ऑनलाइन परमिशन ही नहीं मिली

पहले दिन कॉपियों जांचने के लिए 75 में से सिर्फ 45 ही शिक्षक पहुंचे पूरे मार्च माह तक चलेगा मूल्यांकन कार्य, 5 मार्च से लोकल परीक्षाएं भी हो रही हैं शुरु

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पहले ही दिन भंग हुई बोर्ड मूल्यांकन व्यवस्था जिस बैग में कॉपियां उसे खोलने की ऑनलाइन परमिशन ही नहीं मिली

पहले ही दिन भंग हुई बोर्ड मूल्यांकन व्यवस्था जिस बैग में कॉपियां उसे खोलने की ऑनलाइन परमिशन ही नहीं मिली

गुना। बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन गुरुवार को नहीं हो सका। बोर्ड ने नई व्यवस्था शुरु की थी। जैसे ही शिक्षक कॉपियां जांचने जमा हुए, लेकिन जिस बैग में कॉपियां थी, उसे खोलने की ऑनलाइन बोर्ड के पोर्टल से परमिशन ही नहीं मिली। इस वजह से पहले दिन मूल्यांकन के लिए आए 45 से अधिक शिक्षक वापस लौट गए। हालांकि उन्हें दूसरे दिन शुक्रवार को फिर केंद्र पर हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। हालांकि शिक्षा विभाग इस बात से भी चिंतित है कि मूल्यांकन कार्य के लिए शिक्षकों की कमी है। क्योंकि एक साथ एक ही दिन में तीन कार्य शिक्षकों को करने होंगे। पहला बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी, लोकल परीक्षाओं की तैयारी को लेकर छात्र-छात्राओं को अध्यापन कराना और फिर बोर्ड मूल्यांकन कार्य। शिक्षकों को इन तीनों कार्यों को पूर्ण करने के लिए समन्वय बनाना होगा। इसके बाद ही परीक्षाओं के साथ मूल्यांकन कार्य हो सकेगा। हालांकि शिक्षा विभाग ने इन सभी समस्याओं के बीच वैकल्पिक रास्ता भी निकाला है। इसके तहत अपनी पूरी ड्यूटी करने के बाद दोपहर 2 से 3 बजे से शिक्षक मूल्यांकन कार्य करने पहुंचेंगे। जिले में पिछली साल की तरह इस बार भी 1.85 लाख से अधिक कॉपियां जांचने के लिए आएंगी। 30 दिन में कार्य पूर्ण करना है। इस वजह से हर दिन 6 हजार से अधिक कॉपियां जांची जाएंगी, तब जाकर समय पर कार्य पूर्ण होगा। इस कार्य के लिए हर दिन 200 शिक्षकों की जरुरत पड़ेगी। लेकिन 100 ही पहुंच पाएंगे। क्योंकि इनकी ड्यूटी बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ स्कूलों में 9वीं और 11वीं कक्षाओं के संचालन में भी लगी हुई है। इधर शिक्षकों को खुश करने के लिए भी बोर्ड ने मूल्यांकन कार्य का मानदेय 3 रुपए प्रति कॉपी बढ़ा दिया है।

इंतजार कर लौट गए शिक्षक नहीं हो सका मूल्यांकन

पहले दिन उत्कृष्ट विद्यालय में मूल्यांकन कार्य के लिए 45 शिक्षक पहुंचे। 30 अनुपस्थित रहे। इन सभी को पहले प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया कि इस बार कर कॉपी पर बार कोड अंकित है। इसी से छात्र की पूरा रेकॉर्ड बोर्ड के पोर्टल पर रखा जाएगा। हालांकि बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं अलग-अलग बैग में बंद कर भेजा था। इस पर एक नंबर अंकित था। बैग को खोलने से पहले इसी नंबर को प्राचार्य की यूजर आईडी से बोर्ड के पोर्टल पर दर्ज कर परमिशन लेनी थी। लेकिन तकनीकी खामी की वजह से ऐसा नहीं हो सका। इससे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन गुरुवार को पहले ही दिन नहीं हो पाया।

पहली खेप 21 हजार कॉपियों की आई

उत्कृष्ट विद्यालय प्राचार्य एचएन जाटव ने बताया कि 21 हजार कॉपियों की पहली खेप आई है। पहले दिन शिक्षकों को बोर्ड के दिशा-निर्देश की जानकारी दी और कॉपियों जांचने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने बताया कि कुछ शिक्षकों की कमी रहेगी। क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही शिक्षक 9वीं और 11वीं के छात्र-छात्राओं को भी पढ़ाने स्कूल पहुंच रहे हैं। हालांकि 450 से अधिक शिक्षकों की सूची तैयार की है, उन्हें विषयवार बुलाया जाएगा। 200 शिक्षकों की हर रोज जरुरत पड़ेगी। बोर्ड परीक्षाएं 5 मार्च को खत्म होगी। इस वजह से कम ही शिक्षक पहुंचेंगे। फिर भी परीक्षा की डयूटी पूरी करने के बाद भी उन्हें स्कूल में कॉपी जांचने के लिए दोपहर 2 के बाद का समय दिया है।

इस तरह व्यस्त हैं वर्गवार शिक्षक

हाईस्कूल और हायर सेकंडरी शिक्षक

इन स्कूलों के सीनियर शिक्षक और प्राचार्यों को बोर्ड परीक्षाओं में केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष और अतिरिक्त केंद्र अध्यक्ष बनाया गया है। इन सभी की ड्यूटी दूसरे ब्लॉक के स्कूलों में लगाई गई है। जिस दिन बोर्ड परीक्षा होती है तो यह स्कूल आते हैं। परीक्षा न होने पर अपने स्कूल में पहुंचकर 9वीं और 11वीं के छात्र-छात्राओं को अध्यापन कार्य कराते हैं। बोर्ड परीक्षा में 180 से अधिक विशेषज्ञों की ड्यूटी लगी हुई है। जबकि पर्यवेक्षण कार्य प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों से कराया जा रहा है।

अब मूल्यांकन कार्य करना होगा

मूल्यांकन कार्य में हाईस्कूल और हायर सेकंडरी में पदस्थ विषयवार शिक्षकों से कराया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी देने के साथ-साथ मूल्यांकन कार्य में आना होगा। परीक्षाएं सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक संचालित होती हैं। लेकिन शिक्षकों को केंद्र पर एक घंटे पहले पहुंचना और उसे आधा घंटे बाद छोड़ना होगा। दूसरे ब्लॉक में ड्यूटी की वजह से इन्हें गुना पहुंचने में 2 से ढाई घंटे लगेंगे। ऐसी स्थिति में मूल्यांकन कार्य के लिए यह शिक्षक शाम 4 बजे के बाद ही पहुंच सकेंगे।

क्या रहेगा खास

:- एक शिक्षक एक दिन में कम से कम 30 व अधिकतम 45 उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन करेंगे।

:- 10वीं में प्रति कॉपी मानदेय 15 रुपए और 12वीं में 16 रुपए मिलेंगे। इस बार 3 रुपए की राशि बढ़ाई गई है।

बोर्ड परीक्षाएं इतने छात्र दे रहे हैं परीक्षाएं

10वीं कक्षा:- 54 केंद्र और 18315 परीक्षार्थी

12वीं कक्षा:- 54 केंद्र और 12068 परीक्षार्थी

कॉपियां जांची जाएंगी इतनी

10वीं कक्षा में 1.10 लाख कॉपियां का मूल्यांकन होगा।

12वीं कक्षा में 75 लाख कॉपियां का मूल्यांकन होगा।