
रस्सी के सहारे नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे
गुना. जिले के मधुसूदनगढ़ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोचा आमल्या के बजरंगपुरा गांव के बच्चों को नदी पार करने के लिए रस्सी का सहारा लेना पड़ रहा है। इन बच्चों को एक किमी पैदल चलकर सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है। बच्चों की परेशानी यहीं खत्म नहीं होती बल्कि उन्हें रास्ते में नदी पार करने के लिए दो रस्सी के सहारे गोचा नदी को पार करना पड़ रहा है। जिस जगह बच्चे नदी पार करते हैं, वहां नदी में पानी की गहराई लगभग 8-10 फीट के आसपास है।
गांव वालों ने बारिश के दिनों में गांव के दोनों ओर स्थित पेड़ों से दो रस्सियों को बांध दिया है, जिसमें बच्चें एक रस्सी पर पैदल चलना पड़ता है, जबकि दूसरी रस्सी को हाथों से पकड़ कर नदी पार करना पड़ता है। ऐसे में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचते है। इस दौरान यदि थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो बच्चों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। गांव वालों का कहना है कि इस बारे में कई बार शिकायत की गईं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचने का यह मामला तब प्रकाश में आया जब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। बजरंगपुरा गांव के बच्चे खतरे में जान डालकर स्कूल जाते दिख रहे हैं। यह गांव मधुसूदनगढ़ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गोचा आमल्या ग्राम पंचायत में आता है। गांव में करीब 6 से 8 परिवार के घर बने हुए हैं, जिनके 9-10 बच्चों को रस्सी के सहारे शासकीय माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोचा आमल्या में पढ़ने जाना होता है। गुरुवार को रस्सी से नदी पार करते बच्चों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। साफ दिख रहा है कि रास्ता नहीं होने से यहां के लोगों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि कई बार शिकायतें भी की, लेकिन यह मांग अब तक पूरी नहीं हो पाई है। बारिश के दिनों में रास्ते के बीच में एक बड़ा सा नाला निकल रहा है।
मैं दो साल पहले ही यहां आया हूं। बच्चे इसी तरह बारिश में नदी पार करतें है जो कि खतरनाक है।
आरएस मीना, शिक्षक गोचाआमल्या
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पटवारी एवं सचिव को भेजकर समझाइश दी जाएगी। रस्सा को कटवा रहे हैं। बरसात के चलते शॉर्टकट रास्ते को बच्चों और गर्मिणों द्वारा अपनाया जा रहा है।
शैलजा मिश्रा, नायब तहसीलदार जामनेर-राघौगढ़
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प्राचार्य से बात करके पूरा मामला समझता हूं। वीडियो को भी देखता हूं, आखिर वह किस तरह जान जोखिम में डालकर निकल रहे हैं।
चंद्रशेखर सिसोदिया जिला शिक्षा अधिकारी
Published on:
23 Jul 2022 01:27 am
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