
परिषद हॉल में भाजपा के दो पार्षदों में चले लात-घूंसे और फिके जूते-चप्पल
गुना। नगर पालिका परिषद की गरिमा उस समय तार-तार हो गई जब महिला पार्षदों की उपस्थिति में अपशब्दों और गाली-गलौज की जमकर बौछारें हुईं, इस बीच भाजपा के ही दोनों पार्षद बृजेश राठौर और राजू ओझा आमने-सामने आ गए और कुछ ही क्षण में मारपीट ही हुई नहीं बल्कि एक-दूसरे पर जूते-चप्पलों से वार किए गए, लड़ते-लड़ते परिषद हॉल के बाहर आए जहां एक-दूसरे को मारने के लिए पत्थर तक उठा लिए। बीच बचाव करने आईं एक-दो महिला पार्षद और नेता प्रतिपक्ष चपेट में आ गए, जिनके साथ भी झूमाझटकी तक हो गई। अधिकतर पार्षदों ने कहा कि आज का दिन गुना नगर पालिका परिषद के इतिहास को काला धब्बा लग गया। जब इस तरह एक ही पार्टी के पार्षदों में मारपीट तक हुई हो।यह शांत होता कि इससे पहले नगर पालिका अध्यक्ष सविता गुप्ता के देवर संजय गुप्ता आ गए और उन्होंने काम करने के बाद भुगतान न करने को लेकर हंगामा किया, संबंधित बाबू के लिए भला-बुरा कहा।
ऐसे शुरू हुई मारपीट
नगर पालिका परिषद की मंगलवार को बजट को लेकर बुलाई गई थी, विद्यासागर जी को श्रृद्धांजलि देने के बाद परिषद हॉल में ही पार्षद फिर बैठने लगे, इसी बीच पानी के मुद्दे को लेकर वार्ड 11 के पार्षद बृजेश राठौर और वार्ड 22 के भाजपा पार्षद राजू ओझा में मुंहवाद हो गया, कुछ ही क्षण में एक-दूसरे पर मारपीट करने के लिए टूट पड़े। एक तरफ से बृजेश राठौर और दूसरी तरफ से राजू ओझा हाथ में जूता-चप्पल लेकर गाली-गलौज कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ दोनों को नेता प्रतिपक्ष शेखर वशिष्ठ, उपाध्यक्ष धर्म सोनी और विधायक प्रतिनिधि अरविन्द गुप्ता और कुछ महिलाएं पार्षद एक-दूसरे को लड़ने से रोक रही थीं। दोनों एक-दूसरे पर टूट पड़े और जमकर जूते-चप्पल चल गए। यह दोनों लड़ते-लड़ते परिषद के बाहर बाथरूम तक आ गए, वहां भी इन दोनों में हाथापाई हो गई। जबकि इनको रोकने का प्रयास कुछ पार्षद यहां भी करते रहे। मारपीट और जूते-चप्पल फेंकने के नजारे को देखकर कुछ महिला पार्षद तो यह कहतीं नजर आईं कि हमें जनता ने यहां एक-दूसरे की मारपीट करने के लिए भेजा है, ऐसा ही रहा तो हम लोग परिषद की बैठक में आने से बचेंगे। इस झगड़े के काफी देर बाद सिटी कोतवाली पहुंची, उनका कहना था कि हमें सूचना ही नहीं मिली थी।
निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा में शामिल हुए थे राजू
वार्ड 22 के पार्षद राजू ओझा जल प्रदाय प्रकोष्ठ के चेयरमेन हैं। ओझा ने निर्दलीय पार्षद पद का चुनाव लड़ा था। नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव के समय सविता गुप्ता के साथ यह शामिल हो गए थे। बाद में इन्होंने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष भाजपा की सदस्यता ली थी। बृजेश राठौर मूल भाजपाईं हैं, इन्होंने भाजपा के बैनर तले पार्षदी का चुनाव लड़ा था।
नपा अध्यक्ष के देवर ने किया हंगामा
यह मामला शांत होता कि इससे पहले नगर पालिका अध्यक्ष सविता गुप्ता के देवर और भाजपा नेता अरविन्द गुप्ता के भाई संजय गुप्ता अपने एक-दो साथियों के साथ वहां आ गए और उनका कहना था कि वार्ड 10 में उन्होंने नालियां बनाने का काम किया था, जिसका छह लाख रुपया लेना है। उसका भुगतान नगर पालिका का बाबू राजेश शर्मा नहीं करा रहा है। उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष पर भी अपना भुगतान रुकवाने का आरोप लगवाया। इनके द्वारा किए जाने वाले हंगामा को देखकर नगर पालिका के कर्मचारी और आसपास के लोग एकत्रित हो गए। वे काफी देर तक चिल्लाते रहे।
समझौते की बनती रही रणनीति
भाजपा के दो पार्षदों के बीच हुई मारपीट के बाद दोनों पार्षदों में समझौता कराने की रणनीति नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सविता गुप्ता के चेम्बर में बनती रही। लेकिन समझौता नहीं हो पाया। जबकि दोनों पार्षद एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करने भी सिटी कोतवाली पहुंचे थे।
Published on:
28 Feb 2024 09:48 pm
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