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महाराष्ट्र में रोजगार के नाम पर शोषण- अमानवीय परिस्थतियों में कराया काम, दाल-रोटी के लिए तरसाया

सोशल पुलिसिंग के क्षेत्र में एक और ऐसा काम कर दिया है, जिससे जनता की नजर में पुलिस की छवि अब और ज्यादा अच्छी हो गई है।

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गुना. मध्यप्रदेश के कुछ लोगों को एक ठेकेदार बेहतर मजदूरी दिलाने के नाम पर महाराष्ट्र के पुना लेकर गया, लेकिन वहां जाने के बाद एमपी के सभी लोगों की स्थिति दयनीय हो गई, वहां पर उन लोगों से अमानवीय तरीके से काम कराया जाने लगे, इससे परेशान होकर उन्होंने जब विरोध किया तो उन्हें दाल रोटी के लिए भी तरसा दिया, ऐसे में परेशान होकर जब इन लोगों द्वारा अपने परिजनों को सूचना दी गई, तो पुलिस की सहायता से सभी लोगों को घर लाया गया।

जिले की पुलिस ने सोशल पुलिसिंग के क्षेत्र में एक और ऐसा काम कर दिया है, जिससे जनता की नजर में पुलिस की छवि अब और ज्यादा अच्छी हो गई है। पुणे (महाराष्ट्र) मजदूरी करने गए ३1 मजदूरों को रोजगार न मिल पाने और उनके पास भोजन एवं घर वापसी के लिए पर्याप्त पैसे न होने के कारण वे वहीं फंस गए थे। इन सभी मजदूरों की सकुशल घर वापसी पुलिस ने कराई है।

झांसा देकर ईवापुर जिला पुणे महाराष्ट्र ले गया था
25 नवंबर 2021 को थाना धरनावदा जिला गुना के गांवों से सहरिया, आदिम जनजाति एवं मीना समाज के 31 लोगों को थाना म्याना क्षेत्र के ग्राम नानीपुरा निवासी ठेकेदार हुकुम सिंह राजपूत मजदूरी दिलाने का झांसा देकर ईवापुर जिला पुणे महाराष्ट्र ले गया था।

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कामगारों को रोजगार में लगाकर बड़ी अमानवीय परिस्थितियों में काम करवाया जा रहा था। मजदूरों ने विरोध किया तो बंधक बना लिया गया। उन्हें भोजन तक के लिए तरसाया। आने भी नहीं दिया जा रहा था। विकट स्थिति में फंसे मजदूरों ने गुना जिले के अपने परिजनों, रिश्तेदारों को सूचित किया। परिजनों ने आवेदन देकर पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया। एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल धरनावदा थाना प्रभारी उनि अरुण सिंह भदौरिया को टीम के साथ रवाना किया। एसडीओपी राघौगढ़ बीपी तिवारी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी धरनावदा 2 दिसंबर को इंदापुर जिला पुणे पहुंचे और मजदूरों का पता लगाकर उन्हें सकुशल वापस लाए। यात्रा में उनके खाने-पीने का पूर्ण रूप से ध्यान रखा। स्वास्थ परीक्षण के बाद सभी को घर भेजा। अमानवीय घटना के जिम्मेदार रहे लोगों पर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।