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टारगेट पूरा करने के फेर में भूले कोरोना गाइड लाइन

- जिला मुख्यालय के वैक्सीनेशन सेंटर पर अधिकारियों की मौजूदगी में उड़ रही नियमों की धज्जियां- टीका लगवाने वालों की संख्या इतनी अधिक कि बैठने तक को जगह नहीं- वेरिफकेशन सेंटर बढ़ाने के बावजूद बन रही हौचपौच की स्थिति

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टारगेट पूरा करने के फेर में भूले कोरोना गाइड लाइन

टारगेट पूरा करने के फेर में भूले कोरोना गाइड लाइन

गुना. सरकार पहले ही कोरोना की दूसरी लहर की आशंकाओं के बीच प्रशासन को अलर्ट कर चुकी है। इसके बावजूद संक्रमण से बचाव को लेकर प्रशासनिक अमला गंभीर नजर नहीं आ रहा है। शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित मुख्य टीकाकरण सेंटर पर ही कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ती नजर आईं। वेक्सीनेशन सेंटर पर यह हालात तब थे जब वहां स्वास्थ्य महकमे के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। वेक्सीनेंटर सेंटर पर टीका लगवाने वालों की इतनी अधिक भीड़ थी कि देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे यहां कोविड वेक्सीनेशन नहीं बल्कि अन्य सामूहिक कार्यक्रम चल रहा हो।
जानकारी के मुताबिक कोविड-19 से बचाव के लिए शुरू किया गया वेक्सीनेशन कार्य शासन की प्राथमिकता में है। लेकिन इसे क्रियान्यवित करते समय गाइड लाइन का पालन करना भी अनिवार्य है। जिससे स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से परिचित है। इसके बावजूद अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्तमान में सिर्फ उनका ध्यान शासन से मिलने वाले टारगेट को पूर्ण करना रह गया है। जिसके फेर में टीकाकरण सेंटर पर बड़े पैमाने पर अव्यवस्था फैल रही है। जिससे सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग व गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को उठानी पड़ रही है। जो परिवार के सदस्यों की मदद से जैसे-तैसे टीका लगवाने टीकाकरण सेंटर पर पहुंच रहे हैं।
शनिवार को पत्रिका टीम जिला अस्पताल परिसर स्थित जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र (डीईआईसी) पहुंची। जिसे वर्तमान में कोविड वेक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है। सबसे पहले तो सेंटर के सामने ही अव्यवस्थित वाहन पार्किंग नजर आई। जिससे टीका लगवाने वालों को काफी दिक्कत आ रही थी। इसके बाद जैसे ही टीकाकरण सेंटर के अंदर जाकर देखा तो सभी काउंटर पर इतनी ज्यादा भीड़ थी कि वहां मौजूद कर्मचारी तक नजर नहीं आ रहे थे, क्योंकि टीका लगवाने वालों ने उसे चारों तरफ से घेर रखा था। बैठने के लिए पर्याप्त स्थान व कुर्सियां न होने से कई बुजुर्ग तो खड़े होकर ही इंतजार कर रहे थे। पत्रिका ने जब अव्यवस्था को लेकर पड़ताल की तो सामने आया कि इस भीड़ के बढऩे की मुख्य वजह टारगेट का बढऩा है। यही नहीं इसी दिन वह लोग भी टीका लगवाने आए हैं जिन्हें तीन दिन पहले ही दूसरा डोज लगवाने के लिए मैसेज आया था लेकिन पहले शिवरात्रि का अवकाश फिर अगले दिन मौसम खराब होने के चलते टीका नहीं लगवा सके थे।
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लक्ष्य बढ़ा, काउंटर बढ़े तो जगह हुई कम
शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमे ने शनिवार को टीकाकरण का लक्ष्य 3800 से 6500 कर दिया। टीकाकरण केंद्रों की संख्या 9 से बढ़ाकर 17 कर दी। जिसके तहत जिला अस्पताल स्थित वेक्सीनेशन सेंटर डीईआईसी में काउंटर की संख्या 4 से बढ़ाकर 6 कर दी गई। लेकिन टीका लगवाने वालों के लिए सुविधाओं का विस्तार नहीं किया गया। यही कारण रहा कि शनिवार को टीकाकरण सेंटर बहुत ज्यादा भीड़ हो गई। स्थिति यह रही कि टीका लगवाने आए बुजुर्गों को बैठने पर्याप्त कुर्सियां तक मौजूद नहीं थी। प्रशासन द्वारा बुजुर्गों की मदद के लिए वहां एनसीसी के कैडेट भी लगाए गए थे लेकिन कुर्सियों के अभाव में वह भी कुछ नहीं कर पा रहे थे।
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एडीएम के पहुंचते ही हरकत में आया स्टाफ
एडीएम विवेक रघुवंशी शनिवार दोपहर जब कोरोना का दूसरा टीका लगवाने पहुंचे तो वहां टीकाकरण सेंटर के हालात देख चौक गए। उन्होंने तत्काल जिला अस्पताल में व्यवस्था संभालने वाले स्टाफ को बुलाया और भीड़ को नियंत्रित करने की हिदायत दी।
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इन केंद्रों पर हुआ टीकाकरण
जिला अस्पताल, कैंट डिस्पेंसरी, भदौरा, बजरंगगढ़, म्याना, बमोरी, फतेहगढ़, बीनागंज, कुंभराज, मृगवास, आरोन, पनवाड़ी हाट, रुठियाई, राघौगढ़, जामनेर और मधुसूदनगढ़