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चार तहसील में एक दमकल, मधुसूदनगढ़ और बमौरी में एक भी नहीं

गर्मियां शुरू होते ही आगजनी की घटनाएं सामने आने लगी हैं। खेतों में खड़ी सूखी फसलें और पेड़ों से सूखकर गिरते पत्तों के बीच जरा सी चिंगारी आग के ...

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गुना. गर्मियां शुरू होते ही आगजनी की घटनाएं सामने आने लगी हैं। खेतों में खड़ी सूखी फसलें और पेड़ों से सूखकर गिरते पत्तों के बीच जरा सी चिंगारी आग के शोलों में बदलते देर नहीं लगती। आग लगने पर यदि समय पर मदद न मिले तो जान-माल की भारी क्षति उठानी पड़ती है। आगजनी की घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के लिए दमकलों का दुरुस्त होना जरूरी है। लेकिन जिला मुख्यालय छोड़ तहसील स्तरों पर देखा जाए तो आग बुझाने के लिए एक-एक दमकल वाहन के हवाले सौ से डेढ़ सौ गांव हैं। तहसील स्तर पर खड़ी दमकल वाहन एक-दो जगह तो ठीक-ठाक स्थिति में है, कुछ जगह ये दमकल वाहन जर्जर स्थिति मेें पहुंच गए हैं। इसके साथ-साथ उपकरण और सुरक्षा के समुचित इंतजाम तक की व्यवस्था नहीं हैं।

बमौरी और मधुसुदनगढ़ तहसील की स्थिति ये है कि वहां एक भी दमकल वाहन नहीं हैं। यहां आगजनी जैसी घटना के बाद 5० से 7० किलोमीटर दूर से दमकल वाहन आता है। एक दमकल वाहन के भरोसे सौ से डेढ़ सौ गांव हैं, जिनके भरोसे आगजनी की घटना पर काबू पाना संभव नहीं हैं। कई जगह तो इन दमकल वाहनों की अभी तक मरम्मत नहीं कराई है। गर्मी शुरू होते ही खेतों में आगजनी की घटना बढ़ते और आग बुझाने के समुचित इंतजाम व दमकल वाहन को लेकर पत्रिका ने जिले के सभी निकायों में उपलब्ध दमकलों की स्थिति का जायजा लिया।

उसमें यह बात सामने आई कि आरोन, राघौगढ़, चांचौड़ा, कुंभराज तहसील में एक-एक दमकल वाहन हैं। हमारे संवाददाता के अनुसार कुंभराज नगर परिषद के पास चार साल पुराना एक दमकल वाहन है, जिसके भरोसे कुंभराज तहसील के लगभग डेढ़ सौ से अधिक गांव हैं। हमारे चांचौड़ा संवाददाता के अनुसार चांचौड़ा नगर पंचायत के पास एक दमकल वाहन है, उसकी भी वर्तमान स्थिति ठीक-ठाक नहीं हैं।

एक दमकल वाहन के भरोसे कई गांव

हमारे राघौगढ़ संवाददाता के अनुसार राघौगढ़ नगर पालिका के पास दस साल पुराना एक दमकल वाहन है, उसकी स्थिति ठीक-ठाक है, इस तहसील में लगभग दो सौ गांव हैं। यहां का दमकल वाहन जामनेर तक आग बुझाने के लिए जाता है। यहां एक नया वाहन जल्द आने की खबर है। आरोन और चांचौड़ा में भी एक-एक दमकल वाहन हैं, जो अपर्याप्त हैं। टैंकर बने सहारा: सूत्र बताते हैं कि अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र में आग लगने के बाद दमकल के देरी से पहुंचने पर पंचायत के टैंकरों का ही सहारा लेना होता है।

जिला मुख्यालय पर दो दमकल वाहन

जिला मुख्यालय यानि गुना नगर पालिका के पास वैसे तो तीन दमकल वाहन हैं लेकिन दो दमकल वाहन अच्छी स्थिति में हैं। जिनको सूचना पर दूर-दराज के गांवों में भी भेजा जाता है। जिले के किसी भ निकाय में दमकल के चालक और फायर फाइटर प्रशिक्षित नहीं हैं। अधिकतर जगह चालक ही फाइटर का काम करते हैं। न ही दमकल कर्मियों के पास आग बुझाने के दौरान उपयोगी साधन है।

फायर प्रूफ दस्ताने, बूट, हेलमेट जैसे संसाधनों के बगैर ही ये दमकल कर्मी आग पर काबू पाने का जोखिम भरा काम करते हैं कुछ जगह तो सफाई कर्मियों को दमकल चलाने और आग बुझाने की जि मेदारी दी गई है। अधिक धुएं के कारण सांस लेने में तकलीफ, आंखों को बचाने और गहरे धुंए में देखने कर्मचारियों के पास उपकरण तक नहीं हैं।

विदिशा या राघौगढ़ की दमकल का सहारा
मधुसूदनगढ़ संवाददाता ने बताया कि इस तहसील में एक भी दमकल वाहन नहीं हैं। यहां आगजनी की घटना के समय लगभग 5० किलोमीटर दूर विदिशा या राघौगढ़ नगर पालिका से दमकल वाहन आता है। इतनी दूर से आने की वजह से यहां पूर्व में बड़ी-बड़ी आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। ऐसे ही बमौरी संवाददाता के अनुसार बमौरी विधानसभा क्षेत्र है, तहसील है, लेकिन यहां एक भी दमकल वाहन नहीं हैं।

बमौरी तहसील में कुछ समय पूर्व झोपडिय़ों में आग लग गई थी, जिसको बुझाने के लिए गुना नगर पालिका से दमकल वाहन वहां गया था, दमकल वाहन वहां पहुंचा था कि इससे पहले कई झोपडिय़ां जलकर राख हो गई थीं। जबकि शहर के नजदीक म्याना में तो आग बुझाने के लिए दमकल वाहन तक नहीं हैं।

गेल और एनएफएल के पास खुद के हैं दमकल वाहन
सूत्र बताते हैं कि गेल और एनएफएल के पास अपने-अपने दमकल वाहन हैं जो किसी भी जगह आगजनी होने पर अपने यहां के दमकल वाहन और कर्मचारियों को भेज देते हैं। जो प्रशिक्षित भी बताए जाते हैं।

1224 गांव और छह दमकल वाहन
जिले में देखा जाए तो लगभग 1224 गांव हैं, उनमें आगजनी जैसी घटना पर काबू पाने के लिए जिले भर में मात्र छह दमकल वाहन हैं, इनकी सं या बढ़ाने के लिए कई बार यहां के जनप्रतिनिधियों ने उच्च स्तर पर चर्चा की, लेकिन दमकल वाहनों की संख्या नहीं बढ़ सकी।