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कमरतोड़ सड़क… गुना से अशोकनगर की सीमा तक 20 किमी में 1236 गड्ढे

सड़क मेरा अभिमान: पत्रिका टीम ने बाइक से नापी सड़क, ताकि जिम्मेदारों को हकीकत पता चले

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गुना

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Praveen Mishra

Apr 04, 2023

कमरतोड़ सड़क... गुना से अशोकनगर की सीमा तक 20 किमी में 1236 गड्ढे

कमरतोड़ सड़क... गुना से अशोकनगर की सीमा तक 20 किमी में 1236 गड्ढे

गुना. हम प्रतिदिन सुबह यहां से अशोकनगर ड्यूटी करने जाते हैं, गुना से अशोकनगर सीमा तक एक नहीं कई सैकड़ों गड्ढे हैं, जिनमें उचककर और कहीं गिर न जाएं, इससे बचकर अशोकनगर पहुंचना पड़ता है। ऐसी सड़क हमने कभी नहीं देखी। हम जैसे कई लोगों की पीड़ा सुनने के लिए न तो अफसर तैयार हैं और न जनप्रतिनिधि। अब तो गड्ढों की वजह और ऊबड़-खाबड़ सड़कों के जम्प करने से कमर में भी दर्द होने लगा है। यह कहना है गुना की सोनी कॉलोनी में रहने वाले मनोज रघुवंशी का। यह दर्द अकेले मनोज का नहीं, विशाल, नन्दकिशोर जैसे कई लोगों का भी है, जिनका प्रतिदिन गुना से अशोकनगर आना-जाना होता है।

लंबे समय से जर्जर हो चुकी इस सड़क को देखने पत्रिका टीम ने गुना से अशोकनगर सीमा सिंध नदी तक यानि बीस किलोमीटर की यात्रा अपने दो पहिया वाहन से की,। जिसमें अलग-अलग नजारे गुना से अशोकनगर की सीमा तक देखने को मिले। गुना शहर से पंचमुखी हनुमान मंदिर तक की सड़क कुछ अच्छी दिखी, लेकिन यहां भी गड्ढे थे। पंचमुखी हनुमान मंदिर से सिंध नदी पर अशोकनगर की सीमा तक के गड्ढों की गिनती पत्रिका टीम ने ढाई घंटे में की तो यहां 1236 गड्ढे मिले। सबसे परेशानी की बात तो यह है कि पंचमुखी हनुमान मंदिर से लेकर सिंध नदी तक तो यह स्थिति थी कि कई किलोमीटर के बीच इस सड़क में सौ से भी अधिक गड्ढे मिले।

रात में लगता है इस सड़क से गुजरने में डर

मावन के पास रहने वाले मानसिंह बताते हैं कि रात के समय इस सड़क से लोग अब कम गुजरते हैं, क्योंकि बीते एक माह में कोई दिन ऐसा नहीं गया जिस दिन कोई न कोई गड्ढे में गिरकर हादसे का शिकार न हुआ हो। इस सड़क पर जहां रात के समय उजाला भी नहीं रहता है और जिससे रात में गड्ढे भी नजर नहीं आते।

कहीं जम्पिंग तो कहीं गहरे गड्ढे

गुना से अशोकनगर की सीमा में सबसे ज्यादा जम्पिंग करते हुए भी लोग दिखे। इसकी वजह ये है कि यह सड़क ऊंची-नीची बनी है। इसके साथ ही गड्ढे भी इतने गहरे जिसमें स्कूटी का पहिया फंस जाए तो हादसे का शिकार संबंधित चालक हो ही जाएगा। स्कूटी पर जा रही विनीता से पूछा गया तो उनका कहना था कि मैं तो दो-तीन बार गुना से आते समय हादसा होते-होते बच गईं। काफी धीमी स्कूटी चलाकर ले जाना पड़ता है। कहीं तेज चलाई तो गड्ढे या जम्पिंग से गिर ही जाएंगे। इस रोड पर 40 से अधिक की स्पीड में तो स्कूटी वाले चला ही नहीं सकते। पगारा टोल टैक्स के पास से निकलने वाली सड़क पर नाम मात्र का पेंचवर्क दिखाई दिया। टोल के पास कई वाहन जम्पिंग करते हुए भी दिखाई दिए। इसके दोनों और की सड़क की वही हालत थी जो एक माह पूर्व थी। सिंध नदी के पास तो इतना गहरा गड्ढा मिला, जिसमें गिरना ही तय है। यहां बैठे रामसेवक से पूछा तो उसने बताया कि ऐसे गड्ढे तो बहुत हैं, यहां तो दिन में कम रात में इन गड्ढों में जरूर लोग गिरते हैं, कुछ दिन पूर्व ही हमने एक वाहन चालक को चोट लगने पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया था। गड्ढे दुर्घटनाओं की वजह तो बन ही रहे हैं, लेकिन सबसे अधिक यह गड्ढे वाहन चालकों की कमर व पैरों में दर्द दे रहे हैं, क्योंकि गड्ढों में बाइक जाने से झटका लगता है, जिससे कमर दर्द सहित अन्य हिस्सों में दर्द होता है।

फिजियोथेरेपिस्ट बोलीं- इसलिए युवा हो रहे दर्द के शिकार

..अधिकतर युवा बाइक का उपयोग करते हैं। गड्ढेे में अचानक बाइक के जाने से झटका लगता है और वे दर्द का शिकार हो जाते हैं। जैसे ही बाइक या स्कूटर का पहिया अचानक से गड्ढे में जाता है तो ***** डैमेज होने का खतरा रहता है। लोगों को झटके की वजह से कमर या गर्दन में दर्द होना शुरू हो जाता है। उनकी ***** में परेशानी आ जाती है। इसके अलावा मसल्स भी डैमेज हो जाती हैं। इस वजह से भी दर्द होता है। इस तरह के पेशेंट हमारे पास काफी आ रहे हैं।

-एकता जैन, फिजियोथेरेपिस्ट जिला अस्पताल गुना

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मैंने इस सड़क को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से मुलाकात की थी, पत्र दिया था, यह सड़क स्वीकृत हो गई है। मैंने इस सड़क का भी मामला बीते ही रोज बैठक में उठाया था। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

-गोपीलाल जाटव, विधायक गुना

गुना से ईसागढ़ चौराहे तक की सड़क जो 78 किलोमीटर की सड़क है, उसके पेंचवर्क का काम 23 करोड़ रुपए से होना है। अभी जहां पेंचवर्क हुआ है उसके ऊपर पेविंग मशीन से समतलीकरण किया जाएगा। काम को हम छह माह में पूरा कर देंगे।

-शशांक शर्मा, सहायक महाप्रबंधक एमपीआरडीसी