रेलवे विभाग की गलती का खामियाजा भुगत रहे 5 गांवों के ग्रामीण
गुना. रेलवे के उदासीन रवैए के कारण गुना जिले में अंडर ब्रिज में पानी भरने की समस्या तो आम हो चुकी है। लेकिन खजूरी गांव पर बना अंडर ब्रिज क्षेत्र के पांच गांव के ग्रामीणों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बना हुआ है। ग्रामीणों को प्रतिदिन दैनिक कार्यों के लिए इसी मार्ग से म्याना और गुना आते है। किसान तो जैसे-तैसे ट्रैक्टर से निकल जाते हैं लेकिन अन्य लोगों के पास पानी कम होने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यदि गांव में कोई गंभीर बीमार है या गर्भवती को डिलेवरी के लिए म्याना ले जाना हो तो एंबुलेंस नहीं आ पाती। पानी से लबालब यह अंडर ब्रिज सबसे बड़ी मुसीबत स्कूली बच्चों के लिए बना हुआ है। पूरे बारिश में बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
बताया जाता है कि अंडर ब्रिज के एक साइड स्थित पांच गांवों के 100 से अधिक बच्चे पढ़ने के लिए म्याना ही जाते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि इन गांवों के ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने की मंशा से म्याना के ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं। इसके अलावा अंडर ब्रिज से प्रभावित होने वाले गांवों में कक्षा 10 और 12 वीं तक स्कूल भी नहीं हैं।
बता दें कि रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने से प्रभावित होने वाले पांच गांव खजूरी, शाहपुर, सेंधुआ, नसीरा, सिंगरखेड़ी की कुल आबादी 15 हजार से अधिक है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम खजूरी से गुजरी रेलवे लाइन पर अंडर ब्रिज 6 साल पहले बना था। निर्माण के समय ही ग्रामीणों ने रेलवे अधिकारियों को जल निकासी व्यवस्था करने के लिए कहा था। लेकिन उन्होंने इस सलाह को नजरअंदाज कर सिर्फ एक पाइप डालकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। पाइप से पानी निकलकर कहां जाएगा, इस बारे में नहीं सोचा। इसी कमी के कारण तब से लेकर आज तक जल भराव की समस्या का सामना पांच गांव के हजारों ग्रामीण और सैकड़ों स्कूली बच्चों को हर दिन करना पड़ रहा है।
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कई बार स्कूल नहीं जातेमैं कक्षा 10 में पढ़ता हूं। लेकिन अंडर ब्रिज में पानी भरने से कई बार स्कूल छूट जता है। जिससे उस दिन की पढ़ाई तो चली ही जाती है। ज्यादा दिन का गेप होने पर पढ़ाई को कवर करना मुश्किल हो जाता है।
रोहित रघुवंशी, विद्यार्थी
ज्ञापन देकर थक चुके हैंअंडर ब्रिज में पानी भरने की समस्या से केवल खजूरी के लोग ही नहीं बल्कि 4 गांवों के हजारों ग्रामीण हैं। समस्या इतनी विकराल हो चुकी है कि एक न एक गांव के ग्रामीण हर साल रेलवे से लेकर विधायक व मंत्री को ज्ञापन सौंप रहे हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी है। रेलवे द्वारा इंजन भेजकर पानी खाली करवा दिया जाता है लेकिन इस बार कोई नहीं आया। विभाग जल निकासी का स्थायी हल नहीं निकाल रहा है।
गीता गोस्वामी, सरपंच, ग्राम पंचायत खजूरी
बारिश के सीजन में अंडर ब्रिज में 7 फुट तक पानी भर जाता है। ऐसे में पूरी तरह से रास्ता बंद हो जाता है। म्याना या गुना जाने दूसरा वैकल्पि रास्ता भी नहीं है। इसलिए यह समस्या गंभीर है।
लखन रघुवंशी, ग्रामीण