
कोटा-बीना रेल लाइन हो गई डबल, अब 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
गुना. ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। कोटा-बीना रेल लाइन डबल हो गई है, अब इस ट्रेक पर ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी, जिसका फायदा मध्यप्रदेश सहित राजस्थान के यात्रियों को मिलेगा, क्योंकि अब पहले से काफी कम समय में ट्रेन एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर पहुंच जाएगी।
कोटा-बीना रेललाइन के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। अब इस मार्ग पर ट्रेनों की गति बढ़ जाने से समय की बचत होगी। इस दोहरीकरण काम पर करीब 2.5 हजार करोड़ की राशि खर्च हुई है। इस काम को पूरा होने में लगभग 10 साल लग गए। यह काम वर्ष 2012 में शुरू हुआ था।
खास बात यह है कि 24 अप्रेल को पीएम नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण रीवा में आयोजित कार्यक्रम में करेंगे। जिसकी तैयारियों में इन दिनों रेल प्रबंधन लगा हुआ है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने से एक ओर जहां इस मार्ग से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी, वहीं देरी की समस्या से भी निजात मिलेगी। इसी रेलखंड में अंग्रेजों द्वारा बनाई गई स्टेशन की बिल्डिंग अभी मौजूद है, जो इस इतिहास की गवाही देती है। वर्ष 1897 में अंग्रेजों द्वारा बिछाई गई इस सिंगल रेल लाइन को डबल होने में 127 वर्ष लग गए। अब यह प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार हो गया है। इसके औपचारिक शुभारंभ का इंतजार है।
अब 100 किमी की रफ्तार से दौड़ सकेगी ट्रेन
रेलवे सूत्र बताते हैं कि कोटा बीना लाइन का दोहरीकरण से लाइन की कैपिसिटी बढ़ जाएगी और ज्यादा ट्रेनों को संचालित कर पाएंगे। माल वाहक गाड़ियों की स्पीड भी बढ़ेगी। इसके अलावा यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए यात्री ट्रेनें चलती है। इसमें महत्वपूर्ण दयोदय एक्सप्रेस, कोटा-इंदौर इंटरसिटी, अहमदाबाद-दरभंगा, उज्जैन-देहरादून सहित लोकल ट्रेन है। इन कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी। रेलवे के मुताबिक अब पहले से ज्यादा ट्रेनें इस सेक्शन में चला सकेंगे।
साप्ताहिक ट्रेनों की बढ़ सकती है फ्रीक्वेंसी
कोटा बीना रेलवेलाइन पर साप्ताहिक ट्रेनें बड़ी संख्या में संचालित होती है। ऐसे में इन साप्ताहिक ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार कोटा मंडल के नई ट्रेन या स्टॉपेज बढ़ाने के बारे में जनप्रतिनिधियों और आम जनता की मांग आती है तो उसके अनुसार हम प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजते हैं। इस तरह के प्रस्ताव में ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी की बढ़ोतरी भी शामिल है। इस तरह के सभी निर्णय रेलवे बोर्ड लेता है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही ट्रेन की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाती है। यह संभावना अब यहां भी बढ़ गई है।
2012 में हुई थी शुरूआत
कोटा-बीना रेलवे लाइन दोहरीकरण के कार्य की शुरुआत साल 2012 में हुई थी। तब इसकी प्रारंभिक लागत करीब 1415 करोड़ थी। लेकिन अब यह बढ़कर 2476 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। यह 283 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन में पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा और भोपाल मंडल के अधीन आती है। इसमें कोटा मंडल में 165 किलोमीटर और भोपाल में बीना से गुना करीब 118 किलोमीटर की लाइन आती है।
कल से इंटरसिटी एक्सप्रेस बीना तक जाएगी
उधर रेलवे तीसरी रेललाइन के काम के चलते 22 अप्रैल से दो मई तक ग्वालियर-भोपाल इंटरसिटी केवल बीना तक जाएगी, बीना से ही वापस ग्वालियर के लिए लौटेगी। बीना से भोपाल तक जाने वाली यह ट्रेन निरस्त रहेगी। इसी तरह जोधपुर-भोपाल एक्सप्रेस 21 अप्रैल से दो मई तक जोधपुर -कोटा के बीच चलेगी। कोटा-भोपाल के बीच यह ट्रेन निरस्त रहेगी। इसके अलावा अन्य रेल गाड़ियां भी निरस्त रहेंगी।
लेट होने की समस्या से मिलेगी निजात
100 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन चलने के बाद आए दिन ट्रेनों के लेटलतीफी होने से भी यात्रियों को निजात मिलेगी। इसके अलावा इस रेलवे लाइन से साप्ताहिक ट्रेनें काफी संख्या में गुजरती है. यह ट्रेनें लंबी दूरी की होती हैं। ऐसे में पहले से ही देरी से चलती है, रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण होने से इनकी स्पीड भी अब बढ़ेगी और उनके समय में भी आंशिक रूप से कमी आएगी।
Published on:
21 Apr 2023 09:11 pm
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