
सब्जेक्ट में गड़बड़ी, एग्जाम फार्म भरने में स्टूडेंट्स की बड़ी दिक्कतें
गुना. नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्नातक प्रथम वर्ष के भरे जा रहे परीक्षा फॉर्म के दौरान छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर विद्यार्थियों के विषयों में गड़बड़ी होने के कारण पीजी कॉलेज में सैकड़ों की संख्या में छात्र कभी विभागीय कक्ष तो कभी कम्प्यूटर विभाग के चक्कर काट रहे हैं। अधिकतर विद्यार्थियों के गलत विषय के साथ ही जीवाजी विवि का परीक्षा फॉर्म कट गया। देर शाम कॉलेज प्रशासन ने प्रेस नोट जारी कर ऐसे छात्रों से पहले विषय सही कराकर चालान कटवाने की बात कही है। इस बार जब प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत हुई तब नई शिक्षा नीति के अनुसार छात्रों को मनचाहे विषय अपने पाठ्यक्रम में चुनने का अधिकार था। विषय की चुनने की बाध्यता नहीं थी। जब प्रवेश लिया और उसके बाद महाविद्यालय में सीसीई परीक्षा हुई तब चुने हुए विषयों की परीक्षाएं दी। इसके बाद उ'च शिक्षा विभाग की तरफ से सूचना जारी हुई कि इस वर्ष लगभग डेढ़ लाख से अधिक छात्रों ने इलेक्टिव विषय में गलत विषय का चयन किया है। गुना पीजी कॉलेज के भी लगभग 90 फीसदी छात्र शामिल थे। इन सभी छात्रों ने उस विषय की परीक्षाएं दी, जो उन्हें पढऩा ही नहीं था।
इसके बाद महाविद्यालय द्वारा मात्र 3 दिन का समय छात्रों को विषय परिवर्तन के लिए दिया गया। 3 दिनों में कुछ छात्र ही पसंदीदा विषय चुन पाए, 80 फीसदी विद्यार्थियों के विषय परिवर्तन महाविद्यालय द्वारा खुद ही कर दिए गए। छात्र क्या पड़ेगा क्या नहीं पड़ेगा, यह छात्र तय नहीं कर रहा। यह महाविद्यालय द्वारा तय कर दिया गया। इधर पिछले 1 महीने से महाविद्यालय में सुबह 9 से 12 व दोपहर 2 से 5 के बीच परीक्षाएं संचालित हो रही हैं। इस बीच कॉलेज में अध्यनरत अन्य छात्रों को सिर्फ 12 से 1 बजे का ही समय छात्रों को छात्रवृत्ति फॉर्म जमा करने, प्रोजेक्ट और इंटर्नशिप के लिए अनुमति है। दोपहर 1 बजे के बाद छात्रों को महाविद्यालय से बाहर कर दिया जाता है। इधर विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए छात्र संगठन डीएसओ रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि प्रथम वर्ष के छात्रों के परीक्षा फॉर्म भरने एवं विषय परिवर्तन संबंधी जो भी तकनीकी समस्या आ रही है, उसका जल्द निराकरण किया जाए। कॉलेज प्रशासन द्वारा उचित माध्यमों से और समय पर हर छात्र तक जानकारी पहुंचाने व्यवस्था की जाए। छात्रों को परीक्षा से 1 घंटे पूर्व महाविद्यालय से बाहर निकालने के बजाय छात्रों को परीक्षा फॉर्म, छात्रवृत्ति फॉर्म, आवास योजना के फॉर्म आदि अन्य कार्यों के लिए अलग से उचित व्यवस्था की जाए।
असमंजस में छात्र, क्या सही क्या गलत
प्रथम वर्ष के परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हुई तो उन्हें भारी परेशानी हो रही है। छात्र जब फॉर्म ऑनलाइन कराने गए तो पता चला कि परीक्षा फॉर्म में, जो विषय पूर्व में थे वही विषय परीक्षा फार्म में आ रहे हैं। जिन विषयों को परिवर्तित किया गया वह विषय जीवाजी विश्वविद्यालय ने अपडेट ही नहीं किए। छात्र असमंजस में है कि मूल विषय क्या हैं? जब प्रवेश लिया था वह विषय हैं या जो बदलाव किए गए वह हैं। अभी परीक्षा फॉर्मों में ढाई सौ रुपए फीस वृद्धि भी की गई है।
Published on:
28 Apr 2022 08:14 am
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