इस विशाल सत्संग में पवित्र धर्म के पवित्र सदग्रंथ, पवित्र गीताजी,पवित्र बाइबल, पवित्र कुरान शरीफ, पवित्र चार वेद, पवित्र 18 पुराण और 06 शास्त्रों के आधार पर अनुयायियों को शास्त्र भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी गई। आसपास के गांव से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सत्संग सुनने के लिए आए सभी श्रद्धालुओं ने एलईडी के माध्यम से सत्संग को सुना और अमल करने का संकल्प लिया। गुरुवाणी को साक्षी मानकर दहेज मुक्त भारत अभियान के तहत संत रामपाल के अनुयाई शिवलाल दास की पुत्री रोशनी दासी ग्राम पेची तहसील चांचौड़ा (जिला गुना) का पप्पू लाल के पुत्र रविदास गांव उदोखेड़ी तहसील चांचौड़ा (जिला गुना) के साथ हुआ।
यह विवाह असुर निकंदन रमैनी (कबीर गुरुवाणी) से संपन्न हुआ। साधारण कपड़ों में बिना दिखावे पर फिजूलखर्ची के विवाह 17 मिनट में संपन्न किया। यह एक आडंबर और दहेज मुक्त शादी रही, जो एक मिसाल बनी मानव समाज के लिए, इस विवाह से गरीब और कन्या को बोझ समझने वाले लोगों के लिए एक संदेश संत रामपाल महाराज के शिष्यों ने दिया कि बेटा या बेटी में कोई फर्क नहीं है इस शादी की व्यवस्था बहुत ही साधारण और सादगी युक्त थी। समाज में दहेजप्रथा व अन्य कुरीतियों जो कि समाज के लिए नाश का कारण है, संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई इन बुराइयों को विश्व स्तर पर समाप्त कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : 140 की स्पीड से दौड़ा इंजन, अब ग्वालियर तक चलेगी ट्रेन जिला सेवादार करणदास, राजारामदास ने बताया है कि संत रामपाल के आशीर्वाद से गुना जिला ही नहीं बल्कि नेपाल, अमरीका, कनाडा, पाकिस्तान आदि देशों में हजारों दहेज रहित विवाह बिन बारात, बिना बैंडबाजा, बिना दहेज से कराए जाते हैं।