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गांवों की सीमा बदलेगी, लेकिन विधानसभा-जिला टस से मस नहीं! पुनर्गठन आयोग ने दी अधिकारियों को चेतावनी

MP Reorganization Commission: मध्य प्रदेश में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की तैयारी तेज हो गई है, लेकिन एक सख्त नियम तय कर दिया गया है। गांवों की सीमा बदलेगी, मगर उनका जिला और विधानसभा जस के तस रहेंगे!

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गुना

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Akash Dewani

Mar 13, 2025

MP Reorganization Commission warned officials in Guna madhya pradesh

MP Reorganization Commission: मध्य प्रदेश के जिलों, तहसीलों, ब्लॉकों की सीमा निर्धारित करने के लिए मप्र प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि पुनर्गठन के दौरान गांव की सीमा तो बदल लें, लेकिन ध्यान रखें कि उसकी विधानसभा या जिला नहीं बदलना चाहिए। गुना जिले के दौरे पर आए आयोग के सदस्य एसएन मिश्रा, मुकेश शुक्ला और सचिव अक्षय कुमार सिंह ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की, साथ ही सुझावों पर भी बात की। आयोग ने प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि गांवों की सीमा बदलते समय उनकी विधानसभा या जिला बदल जाता है तो उस गांव को लेकर राजनीति हो सकती है।

उक्त गांव को नजदीकी तहसील एवं ग्राम पंचायत से जोड़ा जाए, ताकि जनता को भविष्य में कोई परेशानी न हो। इस बैठक में आरोन एसडीएम की ओर से एक प्रस्ताव आया जिसमें यहां के बारह गांव आरोन की बजाय अशोकनगर जिले और उसकी विधानसभा में शामिल किए जाने की मांग कर रहे थे। इसे पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा गया- ऐसा नहीं हो सकता, तहसील तो बदली जा सकती है लेकिन जिला और विधानसभा बिल्कुल नहीं बदली जानी चाहिए। इसी तरह थानों की सीमाएं भी निर्धारित की जानी चाहिए।

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मरकी महू, निहाल देवी से भी प्रस्ताव

गुना तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा ने इस बैठक में सुझाव दिया कि बम्होरी विधानसभा के मरकी महू, सुआ तोर, निहाल देवी जैसे कई गांवों के लोग अपने काम के लिए गुना ग्रामीण तहसील में आते हैं, यहां से दूरी 55-60 किमी है, जबकि इन गांवों से बम्होरी की दूरी 25-30 किमी है। ऐसे गांवों को बम्होरी तहसील में शामिल किया जाना चाहिए। ये गांव बम्होरी विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। इस सुझाव पर चर्चा के बाद तय हुआ कि यह सुझाव अच्छा है, इसे यहां से जाने वाले प्रस्तावों में शामिल किया जाना चाहिए।

चांचौड़ा के जोगीपुरा, मुंहासा खुर्द, खुदारा गांव का मामला आया

चांचौड़ा एसडीएम रवि मालवीय ने अपने अनुभाग के तीन गांवों का मामला आयोग के समक्ष रखा। उन्होंने बताया कि खुदारा गांव जो कि चांचौड़ा तहसील में आता है। इस गांव को ग्राम पंचायत देहल्दा से जोड़ा जाए। इसी तरह जोगीपुरा और फतेहपुर जो कि चांचौड़ा तहसील से दूर हैं, उन्हें कुंभराज तहसील से जोड़ने का सुझाव दिया। आयोग ने इन तीनों गांवों के सुझाव को गुना कलेक्टर द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्ताव में शामिल करने को कहा।

इस बैठक में आरोन एसडीएम ने आयोग के समक्ष सुझाव रखा कि आरोन अनुभाग में बारह गांव ऐसे हैं जहां के लोग अशोकनगर जिले और उसकी विधानसभा में शामिल होना चाहते हैं। इसका कारण यह है कि वे गांव अशोकनगर जिले से सटे हुए हैं, गुना मुख्यालय उनसे 50 किलोमीटर दूर है, जबकि अशोकनगर पंद्रह-बीस किलोमीटर दूर है। इस सुझाव पर गहन चर्चा हुई, जिसमें यह बात सामने आई कि उनकी विधानसभा और जिला बदलना उचित नहीं होगा।

इसे लेकर राजनीति भी की जा सकती है। आयोग के अधिकारियों ने सभी अधिकारियों से कहा कि प्रस्ताव में ऐसे सुझाव शामिल करने से बचें जो राजनीतिक मुद्दा बन सकते हैं। गांव की सीमा बदलें, एसडीएम कार्यालय और तहसील कार्यालय उन गांवों के लोगों के पास होना चाहिए। लेकिन विधानसभा और जिला नहीं। इस सुझाव को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें संशोधन किया जाना चाहिए ताकि उन गांवों के लोगों को सुविधा मिले, अगर तहसील और ग्राम पंचायत बदलनी पड़े तो बदला जा सकता है।