
पत्रिका अलर्ट : साइलेंट अटैक से बचना है तो शुरूआती हल्के लक्षणों को न करें अनदेखा
गुना . कोरोना काल के बाद जिले में साइलेंट अटैक के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। तीन साल के भीतर 100 से ज्यादा लोगों की असमय ही जान हार्टअटैक की वजह से चली गईर्। यह सिलसिला कोरोना के बाद शुरू हुआ जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। गौर करने वाली बात है कि मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या उन युवाओं की रही है जिनकी उम्र 35 साल से कम थी। इनमें ऐसे युवा शामिल हैं जो प्रतिदिन व्यायाम भी करते थे और स्मोकिंग से भी दूर थे। इनकी मौत साइलेंट अटैक से होने के बाद लोगों में सवाल है कि ऐसा क्यों हो रहा है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए। इसे लेकर पत्रिका ने जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ से चर्चा की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब दिल से संबंधित बीमारी न तो सर्दी के मौसम की रही है औैर न ही इसका संंबंध उम्र से रहा है। अब हार्ट अटैक बच्चों से लेकर युवाओं को भी आ रहा है। इसकी मुख्य वजह अनियमित खानपान और दिनचर्या तो है ही। साथ ही युवाओं में साइलेंट अटैक आने की वजह कोरोना के बाद स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल भी है। साइलेंट अटैक से बचने के लिए सभी को चाहिए कि वह शरीर में कोई भी लक्षण दिखें चाहे वह पेट दर्द हो या सीने में, हल्के में न लें। तत्काल डॉक्टर को दिखाकर जरूरी जांच अवश्य कराएं। कुछ लोग शुरूआती लक्षण को हल्का मानकर इग्नोर करते हैं, जो बाद में साइलेंट अटैक के रूप में सामने आता है।
-
साइलेंट अटैक के यह ताजा दो मामले
तारीख : 26 फरवरी
शहर के नजदीकी ग्राम गादेर निवासी इमरत सिंह भील (30) को स्कूल जाते समय अटैक आ गया। सुबह 10 बजे घर से बाइक से निकले। स्कूल से तीन किमी दूर उन्हें अचानक सीने में दर्द का एहसास हुआ। उन्होंने गाड़ी रोकी और वह अचेत होकर जमीन पर गिर गए। इस रास्ते से निकल रहे ग्रामीणों ने स्कूल में सूचना दी। एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने जांच उपरांत मृत घोषित कर दिया। जानकारी के मुताबिक इमरत ग्राम बरसत के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्ग-1 मेेंं हिंदी विषय के अतिथि शिक्षक थे। उनके दो बच्चे हैं।
-
तारीख : 25 फरवरी
बमोरी विधानसभा के ग्राम कॉलोनी निवासी दीपक (28) पुत्र रवि खांडेकर अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने फतेहगढ़ गए थे। यहां ग्राम परवाह और कॉलोनी की टीम के बीच मैच चल रहा था। दीपक की टीम बल्लेबाजी कर रही थी। इस दौरान दीपक अपनी बारी का इंतजार कर रहा था, तभी अचानक उनके सीने में दर्द हुआ और वह बेहोश हो गए। यह देख उनके दोस्त तत्काल उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों के अनुसार दीपक की शादी एक महीने पहले ही हुई थी।
-
एक्सपर्ट की राय : डॉ सोबरन राय एमडी
साइलेंट अटैक से बचने यह जानना जरूरी
चलने में सांस भर आना। सीने में दर्द उठना, सीने का दर्द दोनों तरफ हो सकता है। सीने में जकड़न और रात के समय भारीपन लगना। मुख्य कारण है अनियमित खानपान। स्मोकिंग, तेल मसाले वाली चीजें ज्यादा खाना। तनाव की वजह से दिल का दौरा कराने वाले केमिकल का लेवल बढ़ जाता है। दिल की दीवार जो खून ले जाने का काम करती है, वह खून का थक्का बनाने लगती है। लिपिक प्रोफाइल जांच समय रहते कराते रहना चाहिए। कोलेस्ट्रोल, बिटामिन बी, बी 12, होमो-16 लेवल, इनकी जांच से प्रारंभिक अवस्था में दिल का दौरा का पता लगा सकते हैं। लक्षण प्राप्त होने पर आगे की जांचें करवाकर इलाज शुरू किया जाता है। अमूमन इस बीमारी का प्रकोप सर्दियों में ज्यादा होता है। लेकिन इस समय भी सामने आ रहे हैं। महसूस न हो और दिल का दौरा पड़ जाए। इसे साइलेंट अटैक कहते हैं। साइलेंट अटैक ज्यादातर डायबिटीज वाले मरीजों को होता है। युवाओं में दिल का दौरा पड़ने की मुख्य वजह अनियमित खानपान है। कोरोना के दौरान स्टेरॉयड का उपयोग ज्यादा बढ़ा है। जिससे शरीर का सिस्टम खराब हुआ है। यही वजह है कि कोरोना के बाद साइलेंट अटैक के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।
Published on:
29 Feb 2024 09:20 pm
बड़ी खबरें
View Allगुना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
