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MP Election 2023 : राघोगढ़ विधानसभा में रिकॉर्ड 82.04% मतदान, क्या कांग्रेस का किला भेद पाएगा सिंधिया का सिपाही ?

गुना जिले की राघोगढ़ विधानसभा सीट क्रमांक- 31 पर शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को संपन्न हुए मतदान में 82.04 फीसदी फाइनल वोटिंग हुई है। यहां भाजपा ने हीरेंद्र सिंह बंटी बन्ना को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह पर ही तीसरी बार भरोसा जताया है।

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MP Election 2023

MP Election 2023 : राघोगढ़ विधानसभा में रिकॉर्ड 82.04% मतदान, क्या कांग्रेस का किला भेद पाएगा सिंधिया का सिपाही ?

मध्य प्रदेश के ग्वालियर संभाग में आने वाले गुना जिले की राघोगढ़ विधानसभा सूबे की सबसे ज्यादा चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है। इस सीट पर बीते 46 वर्षों से सिर्फ कांग्रेस का ही कब्जा रहा है। प्रदेश के एक बड़े राजघराने के कब्जे वाली सीट पर इतना प्रभाव है कि यहां से एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चुनाव हार चुके हैं। इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके परिवार का कब्जा है। बता दें कि इस सीट पर 1977 में दिग्विजय सिंह ने पहली बार चुनाव जीता था, तब से लेकर अबतक ये सीट कांग्रेस का गढ़ बनी हुई है।

17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में राघोगढ़ विधानसभा सीट पर 82.04 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 77.14 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 76.57 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।

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विधानसभा के राजनीतिक समीकरण

मौजूदा समय में राघोगढ़ सीट से दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह विधायक हैं। जयवर्धन सिंह यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं। आखिरी चुनाव में जयवर्धन ने भाजपा के भूपेंद्र रघुवंशी को रिकॉर्ड 46,697 वोटों से हराया था। वहीं, 2018 में इस सीट पर रिकॉर्ड 76.68% मतदान हुआ था। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हीरेंद्र सिंह बंटी बन्ना को इस सीट पर प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के बेटे, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक जयवर्धन सिंह को ही तीसरी बार मैदान में उतारा है।


शिवराज भी हार चुके हैं यहां से चुनाव

1977 से राघोगढ़ सीट दिग्विजय सिंह के परिवार या फिर उनके समक्थित उम्मीदवारों के पास ही रही है और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने बाद के पांच चुनावों में एक को छोड़कर सभी अवसरों पर यहां अपनी जमानत तक खो दी थी। दिलचस्प बात ये है कि राघोगढ़ विधानसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 2003 में चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन यहां उनका भी हार का मुंह ही देखना पड़ा था।

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कांग्रेस के जयवर्धन सिंह

पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के पुत्र हैं और दो बार राघोगढ़ से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. पिछले चुनाव में जयवर्धन ने भाजपा के भूपेंद्र रघुवंशी को रिकॉर्ड 46,697 वोटों से हराया था।

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हीरेंद्र सिंह बंटी बन्ना

भाजपा की ओर से प्रत्याशी घोषित किए गए हीरेंद्र सिंह बंटी बन्ना ने साल 2021 में कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में आए थे। कांग्रेस में आंतरिक कलह की वजह से हीरेंद्र दिग्विजय सिंह का साथ छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कुटुंभ में शामिल होकर भाजपा के सदस्य बन गए थे। अब इस बार पार्टी ने हीरेंद्र सिंह को इस सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

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राघोगढ़ विधानसभा के मतदाता

राघोगढ़ का विधानसभा क्रमांक 31 है। विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 36 हजार 580 है। इनमें पुरुष मतदाता 1 लाख 23 हजार 228 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 13 हजार 347 है।

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राघोगढ़ विधानसभा की जनता की आवाज

- राघोगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता रोजगार को लेकर संतुष्ट नजर आई। सूकेट गांव में एनएफएल और गेल जैसे बड़े औद्योगिक संस्थान हैं, जिससे क्षेत्र को लोगों को रोजगार मिला है, लेकिन विकास कुछ नहीं है।

- सूकेट गांव में न तो बिजली है और न पानी है। ग्राम के लोगों को चौपेट नदी से पीने का पानी लाना पड़ता है।

- गांव के अधिकतर लोगों को राशन भी नहीं मिल रहा है। कुटीर न बनने से भी लोग चिढ़े हुए हैं।

- रूठियाई क्षेत्र के नारोनी मोहल्ले में नल-जल योजना के बुरे हाल हैं।

- सारसवेह गांव में पक्की सड़कें नहीं हैं। यहां लोगों को कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है। नालियां भी न होने से अकसर घरों से निकलने वाले पानी से रास्तों पर कीचड़ बनी रहती है।

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इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर

6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।