
रेलवे की सबसे पुरानी टीआरटी मशीन गुना में, 10 दिन में बदले गए तीन हजार सिलीपर
गुना @मोहर सिंह लोधी की रिपोर्ट...
बीना-गुना रेल लाइन पर पुरानी पटरी को बदलने रेलवे की सबसे पुरानी टीआरटी मशीन काम कर रही है। शाढौरा-पगारा के बीच 10 दिन में 3 हजार सिलीपर बदले गए, लेकिन पटरी (रेल) नहीं आने से सिलीपर के ऊपर पुरानी लाइन ही बिछानी पड़ रही है। इस काम में 130 कर्मचारी-अधिकारी लगे हुए हैं। लेकिन डालने के लिए रेलवे को फिर से यहां ब्लाक लगाना होगा।
गुना-बीना पैसेंजर रद्द...
दरअसल ट्रैक रिन्युवल टे्रन (टीआरटी) नौ दिसंबर से काम कर रही है। इस तरह की मशीन देश में केवल 6 हैं और जो सबसे पुरानी मशीन है, उससे गुना-बीना रेल खंड पर काम किया जा रहा है। इसके लिए हफ्ते में तीन दिन का ब्लॉक लगता है। रविवार को पांच घंटे का मेगा ब्लॉक लगाया जाता है। इस रविवार को चौथीबार मेगा ब्लाक लगाया। इस वजह से गुना-बीना पैसेंजर को रद्द कर दिया गया, इससे यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
रेल लाइन नहीं होने से केवल पटरी बदली...
शाढौरा-पगारा के बीच करीब 15 किमी में रेल लाइन बदली जा रही है। पुरानी लाइन को बदलने के लिए टीआरटी मशीन आई है, लेकिन अब तक पटरी नहीं पहुंच पाई हैं। इस कारण शाढ़ौरा से पीलीघाटा की ओर करीब दो किमी दूरी तक तीन हजार से अधिक सिलीपर बदले गए हैं। जबकि इस लाइन पर पुराने ट्रेक को भी बदल जाना था। इसके पहले रुठियाई से पगारा तक ट्रेक बदल दिया है।
मशीन के साथ 130 कर्मचारी करते हैं काम...
टीआरटी मशीन से आटोमेटिक ट्रेक बदलने एक साथ 130 कर्मचारी काम करते हैं। इसमें 25 मशीन स्टाफ, 4 सुपरवाइजर और 100 से अधिक श्रमिक काम करते हैं। इसके बाद 5 घंटे में 1200 सिलीपर बदली जाती हैं। यही काम मैन्युअली किया जाए तो तीन दिन लग सकते हैं। मशीन से कम समय गुणवत्ता पूर्ण और सुरक्षित काम किया जा सकता है।
ट्रेन निरस्त होने से यात्री परेशान...
ट्रेक रिन्युअल का काम होने से रविवार को गुना-बीना पैसेंजर निरस्त कर दी। अशोकनगर जाने वाले यात्रियों को स्टेशन से वापस लौटना पड़ा। अशोकनगर की ओर से आने वाली साबरमती ट्रेन 6.33 घंटे देरी से गुना पहुंची और गुना से अशोकनगर की ओर जाने वाली ट्रेन भी करीब डेढ़ घंटे लेट रही। इस वजह से यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उधर, जीएम की दौरे की तैयारी में लगा अमला
फरवरी महीने में रेलवे महाप्रबंधक का मक्सी-गुना के बीच निरीक्षण है। इसकी तैयारी जोरों पर हैं। स्टेशन के पास पटरी पर गिट्टी सही की जा रही है। सामान्य यात्री प्रतीक्षालय में आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ सीलिंग लग रही है। रेलवे यार्ड को जोडऩे वाली सड़क को सुधारने के साथ अधिकारी विश्राम गृह के पास पार्क बन रहा है। रेलवे की हर शाखा और आरपीएफ द्वारा तैयारी की जा रही है। स्टेशन की पुताई से लेकर बंगलों की भी साफ सफाई चल रही है।
Published on:
31 Dec 2018 12:01 pm
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