
नल-जल योजना को हैंड ओवर करने के नाम पर पंचायत सचिव मांग रहा था रिश्वत
गुना। गुना जनपद की गोपालपुरा टकटैया ग्राम पंचायत ही एक ऐसी नहीं हैं इसके अलावा सैकड़ों ऐसी ग्राम पंचायतेंं हैं जहां नल-जल योजना के अलावा दूसरी योजनाओं के तहत काम पूरे हो चुके हैं लेकिन सरपंच और सचिवों की ओके रिपोर्ट न होने से न तो वहां की जनता को उस योजना का लाभ मिल पा रहा है और न ही उक्त योजना के तहत वहां काम करने वाले ठेकेदार को अपने काम के बदले भुगतान नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला गोपालपुरा टकटैया ग्राम पंचायत का आया, जहां नल कनेक्शन और लाइन बिछाने के काम को पूरा करने के बाद उक्त पंचायत का सचिव हैंडओवर करने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग कर रहा था। ठेकेदार जब परेशान हो गया तो उसने इसकी ग्वालियर जाकर लोकायुक्त के डीएसपी से मुलाकात की और अपनी पीड़ा सुनाई। वहां बनी रणनीति के तहत गुना शहर के हनुमान चौराहे पर नगर पालिका के सामने रिश्वत लेते हुए पंचायत सचिव देवनारायण शर्मा को लोकायुक्त टीम ने पकड़ लिया। इस खबर के बाद कई पंचायत सचिवों में हड़कम्प मच गया है जो काम के बदले रिश्वत मांग कर संबंधित ठेका ंकंपनी या ठेकेदार को परेशान किए हुए हैं।
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया के गृह क्षेत्र गुना जनपद के ग्राम पंचायत गोपालपुर टकटैया में पदस्थ है। इस पंचायत में नल-जल योजना के अंतर्गत जेन कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने 12 लाख रुपये का निर्माण कार्य किया था। काम पूरा होने पर सरपंच-सचिव को हैंड ओवर करना था, जिसके बदले पंचायत सचिव देवनारायण शर्मा ने ठेकेदार से 50 हजार रुपये की डिमांड की थी।
लोकायुक्त निरीक्षक बृजमोहन सिंह नरवरिया के अनुसार फरियादी अरशद खान ने लोकायुक्त कार्यालय में 21 फरवरी को शिकायत की थी, कि पंचायत सचिव देवनारायण शर्मा के द्वारा 50 हजार रुपये की मांग की जा रही है। शिकायतकर्ता के द्वारा जल जीवन योजना के तहत ग्राम पंचायत गोपालपुर टकटैया में पाईप लाइन बिछाने नल कनेक्शन का काम किया था। काम पूरा होने के बाद हैंडओवर करने और उस पर हस्ताक्षर करने के लिए पंचायत सचिव द्वारा राशि की मांग की जा रही थी। शिकायत पर लोकायुक्त ने रिकॉर्डर इशु किया और उसमें देवनारायण शर्मा द्वारा 50 हजार रुपये की डिमांड की गई और 40 हजार रुपये देने पर बात पक्की हो गई।
बताया गया कि पूरी बात होने के बाद ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने गुना पहुंचकर फरियादी अरसद खान को पावडर लगे नोट देकर पंचायत सचिव को देने के लिए दिए और अरसद ने फोन करके पंचायत सचिव को हनुमान चौराहे पर बुलाया। जैसे ही अरसद ने पंचायत सचिव शर्मा को पैसे दिए, वैसे ही वहां छिपी लोकायुक्त की टीम पहुंच गई, आरोपी शर्मा को रिश्वत के नोटों सहित पकड़ा। टीम ने जब उसके हाथ धुलवाए तो नोटों में लगा रंग उसके हाथ से निकला, जिसको लोकायुक्त टीम पकड़कर सिटी कोतवाली ले गई जहां कागजी कार्रवाई के बाद उसको गिरफ्तार किया। पंचायत सचिव के रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर सोशल मीडिया पर जमकर चली, जिसको लेकर लोग यह जानने को उत्सुक थे कि देव नारायण कैसे पकड़ गए।
इस कार्रवाई के दौरान सचिव को ट्रैप करने वाली टीम में इंस्पेक्टर ब्रजमोहन सिंह नरवरिया, आराधना डेविस, सुरेंद्र यादव, भरत सिंह किरार, प्रधान आरक्षक इकबाल खान, संजय शुक्ला, आरक्षक देवेंद्र पवैया, सुरेंद्र सेमिल, विनोद शाक्य, इंद्रभान सिंह और चालक बलवीर सिंह शामिल रहे।
आज ही ज्वाइन किया नए सीईओ ने
गुना जनपद के सीईओ राकेश शर्मा का कुछ समय पूर्व यहां से स्थानांतरण हो गया था,उनकी जगह छतरपुर से गौरव खरे आए हैं। बुधवार को राकेश शर्मा गुना जनपद कार्यालय में खरे को अपना प्रभार सौंप रहे थे। इसी बीच हनुमान चौराहे पर पंचायत सचिव के रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर गुना जनपद कार्यालय तक चलकर आ गई। शर्मा को फिलहाल उच्च स्तर के आदेशानुसार बमौरी जनपद सीईओ का प्रभार दिया हुआ है।
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पंचायत सचिव बोले, कमियां आज भी बरकरार, कैसे कर देता हैण्डोवर
गुना। चालीस हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने पंचायत सचिव देव नारायण शर्मा को पकड़ा है। उन्होंने इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे सुनियोजित षड्यंत्र पूर्वक रिश्वत लेते पकड़वाया है, मुझे बुलवाया और एक वाहन में बिठालकर जबरन मेरे हाथ में पैसे पकड़ाए,जबकि मैं उससे पैसे न लेकर अधूरे काम को पूरा करने की बात कह रहा था।
शर्मा ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए पत्रिका को बताया कि पैसा देने और मोबाइल पर बात करने वाले का नाम मेरे मोबाइल पर गोलू नाम से आता है जो शिवपुरी का रहने वाला है। इसने मेरी पंचायत में नल-जल योजना और नल कनेक्शन का काम किया, इसके काम की गुणवत्ता भी ठीक नहीं थी और पूरा भी नहीं किया था। जनवरी माह में इसकी शिकायत पीएचई ग्रामीण के प्रभारी कार्यपालन यंत्री से की थी उन्होंने यह पूरी कमियां उनके ही कार्यालय में पदस्थ पवन कुशवाह के व्हाट्सएप पर देने को कहा था, मैंने उनको भेज दी थी। इसके बाद गोलू मुझ पर अपने काम को हैण्डोवर करने के लिए लगातार दबाब बना रहा था, मैं उसके दबाब में नहीं आया तो उसने षड्यंत्र पूर्वक रिश्वत के मामले में फंसवा दिया। आज भी कोई भी प्रशासनिक टीम जाकर गोपालपुरा टकटैया ग्राम पंचायत में जाकर अधूरे कामों का निरीक्षण कर सकती है।
Published on:
24 Feb 2022 02:09 am
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