
सीवर और गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट शहरवासियों के लिए फायदेमंद, लेकिन बेतरकीब काम से बढ़ी परेशानी
गुना . अमृत योजना के तहत गुना शहर में 2016 में शुरू हुआ सीवर प्रोजेक्ट और गैस पाइप लाइन न सिर्फ नागरिकों के लिए बल्कि पर्यावरण व नदियों के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन इसका काम जिस बेतरतीब तरीके से चल रहा है, उसने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी हैं। इस समय निर्माण कंपनी ने शहर के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों को खोदकर डाल दिया है। जिससे आवागमन तो बाधित हो ही रहा है, साथ ही पैदल राहगीरों से लेकर वाहन चालकों के लिए खतरा बढ़ गया है। क्योंकि निर्माण के दौरान सुरक्षा का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। यही नहीं एक जगह खुदाई करने के बाद काम पूरा किए बिना ही दूसरी जगह खुदाई कर दी गई है। जिससे रात में स्ट्रीट लाइट न जलने से लोगों को आने जाने में बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जनता को इसलिए झेलनी पड़ रही परेशानी
सीवर प्रोजेक्ट का काम भले ही पिछले काफी लंबे समय से चल रहा है। लेकिन शहर में सड़कों की खुदाई करने वाली केवल यही कंपनी नहीं है। इसके अलावा गैस कंपनी भी जगह-जगह अपनी पाइप लाइन बिछाने सड़कों को खोद रही है। इनके अलावा पेयजल पाइप लाइन तथा मोबाइल कंपनियां भी अपनी लाइन बिछाने चाहे जब मार्गों में खुदाई कर देती हैं। काम होने के बाद सड़क को ठीक से दुरुस्त नहीं करने से आवागमन मुश्किल हो रहा है। वहीं इस समय शहर के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक हाट रोड पर दिन में ही खुदाई कर दी गई। जिससे आसपास के रिहायशी इलाके में आना जाना मुश्किल हो गया है। बता दें कि टेकरी जाने के लिए भी अधिकांश लोग इसी मार्ग का उपयोग करते हंै।
बनती जा रही है शिवपुरी जैसी स्थिति
वर्तमान में शहर के हालात देखकर लोग कह रहे हैं कि यह स्थिति तो अंधेर नगरी चौपट राजा की तरह है। जहां जनता की परेशानी को समझने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। यही कारण है कि जिस कंपनी को जहां जरूरत पड़ रही है वहां लाखों रुपए से निर्मित नई सड़कों की खुदाई करवाई जा रही है। गड्डे भरने और नाला सफाई के नाम पर केवल रस्म अदायगी की जा रही है। जिससे यह शहर भी शिवपुरी की तरह चार-पांच साल पुरानी स्थिति में आ गया है। गुना शहर के लोगों का कहना है कि बारिश आने को है, यदि एक-दो दिन में तेज बारिश हो गई तो बाढ़ आने से कोई नहीं रोक सकता।
-एक ही जगह बार-बार खुदाई, मलबा तक नहीं हटा रहे
कैंट क्षेत्र में गैस पाइप लाइन के लिए खुदाई बीते एक माह से चल रही है। इसके लिए सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह खोद दिया, काम पूरा हुआ तो उसको रस्म अदायगी के रूप में भर दिया, जहां डाला गया मटेरियल नीचे बैठ गया और वहां गड्डे दिखाई देने लगे। इसके साथ ही सड़क पर हुई खुदाई के बाद उसको ठीक नहीं किया गया। इतना ही नहीं वहां रात की जगह दिन में काम किया जा रहा है, जिससे जाम की स्थिति बन रही है। आए दिन जाम में फंसने को लेकर मारपीट तक हो रही है। इसी तरह शास्त्री पार्क, नयापुरा, लक्ष्मीगंज, टेकरी रोड, सोनी कॉलोनी, हाट रोड जैसे कई क्षेत्र हैं जहां गैस पाइप लाइन और सीवर लाइन के लिए संबंधित कंपनियों ने जेसीबी के जरिए खुदाई की, उसको पूर्व की स्थिति में लाने में देरी की, जिससे रोड की स्थिति बद से बदत्तर हो गई, मिट्टी के टीले बीचों-बीच सड़क पर हो जाने से लोगों के वाहन आए दिन उसमें टकराकर गिर रहे हैं। यहां के लोगों ने बताया कि इधर सड़क पूरी तरह खोद दी उधर स्ट्रीट लाइटें भी बंद पड़ी हैं, जिससे रात में उजाला न होने पर इन गड्डों में गिरकर लोग नगर पालिका और खुदाई कराने वाली कंपनी को कोस रहे हैं। तीन-चार लोग तो खुदाई से बने गड्डों में गिरकर अस्पताल पहुंच चुके हैं।
ये होना चाहिए
-गुना शहर के जानकारों के अनुसार किसी भी काम के लिए खुदाई करने से पूर्व बेरीकेट्स लगाए जाना चाहिए
-इसके साथ संकेतक बोर्ड यहां लगाना चाहिए, जिससे लोगों को जानकारी हो और वे दूसरे रास्ते से या सावधानी पूर्वक निकल सकें।
-जिस जगह खुदाई कर रहे हैं उस जगह पूरा काम करके दूसरी जगह काम चालू किया जाना चाहिए।
सड़कों की खुदाई में इस नियम का पालन जरूरी
तय गाइड लाइन के मुताबिक पाइप लाइन बिछाने खुदाई होने वाली सड़कों में दो स्तर का पालन करना है। पहला 3 मीटर की चौड़ी सड़कों में मरम्मत नहीं होगी बल्कि नए सिरे से बनाई जाएंगी। दूसरा यदि सड़क की चौड़ाई अधिक है तो मरम्मत से ही ठीक किया जा सकेगा।
-यह बोले नागरिक
सीवेज प्रोजेक्ट के काम से किसी को कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन निर्माण कंपनी को जनता की परेशानी भी देखना चाहिए। जहां ट्रेफिक ज्यादा रहता है वहां रात के समय भी काम किया जा सकता है। गड्डों में लोग गिर रहे हैं।
वीरेन्द्र शर्मा पूर्व पार्षद
-हाट रोड सहित रिहायशी इलाके में काम के दौरान सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जो वाहन चालकों सहित पैदल राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर रात में। क्योंकि कई इलाकों में स्ट्रीट नहीं है।
नावेद खान, नागरिक
-फैक्ट फाइल
एक नजर में सीवर प्रोजेक्ट
ट्रीटमेंट प्लांट: पहले चार बनने थे अब दो बन रहे
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद 10 साल तक ठेकेदार ऑपरेशन मेंटनेंस करेगा नागरिकों को पेयजल सुविधा की तरह ही इसका शुल्क देना होगा
प्राथमिक लागत 89.83 करोड थी, अब घटकर 81 करोड रह गई ।शिवपुरी के अनुभव के बाद गुना के सीवेज प्रोजेक्ट में बदलाव किया
पाइप लाइन सड़क के दोनों ओर डाली जाएगाी एक साथ खुदाई नहीं होगी। ढाई किमी की खुदाई के बाद सड़क को रिपेयर करना होगा
सीवर प्रोजेक्ट का भूमि पूजन 27 अगस्त 2017 को हुआ निर्माण कंपनी को नवंबर 2016 में कार्य की अनुमति मिली थी।
-पहले नवंबर 2018 में पूरा होना था। इसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल ने तिथि बढ़ाकर मार्च 2020 कर दी थी। वर्तमान में प्रोजेक्ट की डेड लाइन 30 जून 2023 निर्धारित है
-अब तक 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है सीवर प्रोजेक्ट सफाई के लिए जगह-जगह 4 हजार चैंबर बनाए जाना है
-मार्च 2019 में प्रोजेक्ट रिवाइज हुआ, जिसमें सकतपुर और पिपरौदाखुर्द को हटा दिया गया था
Published on:
06 Jun 2023 09:54 pm
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