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ड्यूटी लगाने को लेकर थाना इंचार्ज और एएसआई के बीच हुई तीखी नोकझोंक

पुलिस कर्मियों में विवाद: केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के 6 अगस्त को बीनागंज में दौरा कार्यक्रम में ड्यूटी को लेकर हुई बातचीत का ऑडियो हुआ वायरल

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ड्यूटी लगाने को लेकर थाना इंचार्ज और एएसआई के बीच हुई तीखी नोकझोंक

ड्यूटी लगाने को लेकर थाना इंचार्ज और एएसआई के बीच हुई तीखी नोकझोंक

गुना. जिले के एक थाने में पदस्थ दो पुलिस अफसरों की ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें ड्यूटी लगाने को लेकर एएसआई थाना इंचार्ज पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुंहवाद करने सहित अपशब्द बोल रहा है। जबकि थाना इंचार्ज भी एएसआई को मुगालते में न रहने और तमीज से बात करने की सख्त हिदायत देकर थाने नहीं आने की बात कह रहे हैं।

दरअसल 42 सेकंड और 2 मिनट 2 सेकंड की दो ऑडियो क्लिप गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई। उक्त ऑडियो क्लिप चांचौड़ा के बीनागंज में बीती 6 अगस्त को हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के दौरा कार्यक्रम में ड्यूटी लगाने को लेकर फोन पर हुई एएसआई अजय चौहान व थाना इंचार्ज रुहिल शर्मा की नाराजगी भरी बातचीत की है। इसमें पहले एएसआई अपशब्द बोलकर थाना इंचार्ज से अभद्रता कर रहे हैं।

वहीं दूसरी क्लिप मेें थाना इंचार्ज एएसआई को तमीज से बात करते हुए, सुबह से थाने नहीं आने की नसीहत दे रहे हैं। उक्त ऑडियो क्लिप चांचौड़ा के तत्कालीन थाना इंचार्ज रुहिल शर्मा (एसआई) व एएसआई अजय चौहान की प्रतीत होती है। हालांकि पत्रिका इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

42 सेकंड की पहली ऑडियो के अंश

2.02 मिनट की दूसरी ऑडियो के अंश

हां ऑडियो क्लिप मेरे पास भी आई है, लेकिन मेरी और एएसआई अजय चौहान की ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।

रुहिल शर्मा, तत्कालीन थाना इंचार्ज चांचौड़ा

एएसआई: हां बोलो।

थाना इंचार्ज: अरे क्या हो गया।

एएसआई: नहीं कुछ नहीं हो गया साहब, आप अपने मन की कर लो।

थाना इंचार्ज: कैसी कर लो, ये बताओ।

एएसआई: जिसका नाम ड्यूटी में नहीं है उसको आप लगवा दो, और जिसका है वह ग्वालियर चला जाए?

थाना इंचार्ज: मेरी सुनो?

एएसआई: पहले आप मेरी सुनो। नरेंद्र सिंह तोमर की ड्यूटी में आपको मेरी जरूरत होती तो मैं उस बात पर रुकता?

थाना इंचार्ज: अरे मैं आपकी लगवा दे रहा हूं।

एएसआई: नहीं अब आप अपने मन की करो, मैं ग्वालियर नहीं जाऊं बाकी सब जाए।

थाना इंचार्ज: मैंने कब बोला की मत जाओ, मैंने कब मना किया।

एएसआई: मेरा नाम नहीं है ड्यूटी में और ग्वालियर जा रहे हैं खुशलपाल, यह आपका कौन सा सिद्धांत है।

थाना इंचार्ज: मेरा सिद्धांत है, अरे मतलब हद हो गई।

एएसआई: आपके पास कोई आदेश है लिखित में कि, खुशलपाल कल ग्वालियर जाएंगे।

थाना इंचार्ज: मेरी बात सुनो, आपका नाम सुबह ड्यूटी चार्ट में होगा?

एएसआई: अब मैं, ड्यूटी करुंगा ही नहीं, भले ही आप मेरी लगा देना या गैरहाजिरी डाल देना?

थाना इंचार्ज: बिल्कुल, ऐसा ही होगा फिर तो चौहान साहब,

एएसआई: हां डाल देना?

थाना इंचार्ज: आपको बकवास करने की जरूरत नहीं है मेरे से, मुगालते में मत रहना, सावधान रहना, मैं 2 मिनट में हेकड़ी निकाल दूंगा, तमीज से बात करना मेरे से, तमीज से बात नहीं करना हो तो सुबह से थाने आने की जरूरत नहीं है बकवास से बात मत करना मेरे से... कहकर फोन काट दिया।

थाना इंचार्ज: हां चौहान साहब।

एएसआई: ये कह रहा हूं, जब मेरी ड्यूटी में जरूरत नहीं थी आपको, तो फिर आप मेरे को ग्वालियर ही जाने देते? क्या दुश्मनी निकाल रहे हो ।

थाना इंचार्ज: क्या।

एएसआई: जब आपको नरेंद सिंह तोमर की ड्यूटी में मेरी जरूरत नहीं थी।

थाना इंचार्ज: अरे आप डे ऑफिसर रहोगे न।

एएसआई: अरे... डे ऑफिसर, मैं जानता हूं, डे ऑफिसर क्या होता है।

थाना इंचार्ज: क्या होता है बताओ।

एएसआई: जब नरेंद्रसिंह तोमर के प्रोग्राम में मेरी जरूरत नहीं है तो मुझे ग्वालियर क्यों नहीं जाने दिया।

थाना इंचार्ज: मैंने कब बोला है कि, आपकी जरूरत नहीं है?

एएसआई: मुझे नहीं जाने दिया तो, फिर खुशलपाल ग्वालियर क्यों जा रहे है, जिसका नाम नहीं है ड्यूटी में?

थाना इंचार्ज: तो मैंने मन से नहीं लगवाई कि चौहान साहब को वहां मत भेजो?

एएसआई: मन से नहीं साहब, अब आप दुश्मनी ही निकाल लो, कितनी निकाल रहे हो और फोन काट दिया।

रुहिल सर से ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई

नहीं, मेरी और रुहिल सर की ऐसी न कोई बातचीत हुई है और न ही ऐसी कोई बात है।

अजय चौहान, एएसआई, थाना चांचौड़ा