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प्रचार-प्रसार का अभाव: किसानों को नहीं पता मृदा हेल्थ कार्ड के फायदे

तीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, जिले के सिर्फ 4 फीसदी किसान करवा रहे जांच

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प्रचार-प्रसार का अभाव: किसानों को नहीं पता मृदा हेल्थ कार्ड के फायदे

प्रचार-प्रसार का अभाव: किसानों को नहीं पता मृदा हेल्थ कार्ड के फायदे

गुना. खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसान की आय बढ़ाने के लिए सरकार अलग-अलग माध्यमों से अन्नदाता की मदद कर रही है। इसी माध्यम में शामिल है मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला। वर्तमान में गुना जिले में एक नहीं बल्कि तीन प्रयोगशालाएं हैं। एक जिला मुख्यालय पर कृषि उपज मंडी प्रांगण में जबकि दूसरी अंचल के कृषि विज्ञान केंद्र आरोन तथा तीसरी एनएफएल परिसर के अंदर है। तीनों ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं बीते कई वर्षों से संचालित हैं। लेकिन इसके बावजूद मृदा परीक्षण कराने वाले किसानों की संख्या बहुत कम है। इसकी वजह जानने के लिए पत्रिका टीम ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों से बात की।

ज्यादातर किसान मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला और इसके फायदे की जानकारी से अनभिज्ञ नजर आए। वहीं मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला से प्राप्त आंकड़ेे भी बता रहे हैं कि जिले के खेती करने वाले कुल किसानों की तुलना में मृदा परीक्षण कराने वाले अन्नदाता की संख्या कम है। बीते वित्तीय वर्ष में मात्र 7 हजार 400 किसानों ने ही मृदा परीक्षण कराया था।

जिले में कुल 2 लाख किसानों में 4 फीसदी किसान ही प्रयोगशाला में जांच करवा रहे हैं। जबकि सरकार हर साल इन मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को सैंपल की संख्या बढ़ाने टारगेट दिए जा रहे हैं। जिन्हें विभाग का अमला कथित रूप से कागजीबाड़ा कर पूरा तो कर लेता है लेकिन धरातल पर अन्नदाता को इसका लाभ इसलिए नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि अमला किसानों को इसके लाभ से ठीक तरह से अवगत नहीं करा रहा है।

इसलिए बिगड़ा खेती का गणित और बजट

ग्रामीण क्षेत्र के किसानों से चर्चा में सामने आया है कि आज भी अधिकांश किसान अपने खेत में बीज और उर्वरक का उपयोग पड़ौसी किसान को देखकर कर रहा है। जबकि उसकी वास्तविक जरूरत खेत को नहीं है। यही वजह है कि वह परंपरागत खेती को छोडकऱ नई तकनीक अपनाने में देरी कर रहा है। जिसका खामियाजा भी उसे कम उपज के रूप में मिल रहा है। कुल मिलाकर जागरुकता का अभाव और सही जानकारी न होने से खेती लाभ का धंधा बनने की वजाए घाटे का सौदा साबित हो रही है। नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी में स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी भगवत जोशी ने बताया कि इस समय किसान खेत में दो फसलें ले रहा है। इसलिए उसे हर साल मृदा परीक्षण कराना बेहद जरूरी है।
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जानना जरूरी हैवित्तीय वर्ष मृदा हेल्थ कार्ड

2009-10 533

्र2010-11 448

2011-12 497

2012-13 3008

2013-14 2784

2014-15 3748

2015-16 8320

2016 -17 18473

2017-18 37261

2018 -19 48277

2019-20 2100

2021-22 7400