गुना. अमृत योजना के तहत चयनित जिले में लग्जरी बसें चलने का इंतजार खत्म हो गया है। शासन की हरी झंडी मिलने के साथ ही नगरपालिका और मप्र परिवहन विभाग अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने के अंतिम चरण में है। जिले को मिलीं 57 बसें नए साल के शुरुआती महीनों में सड़कों पर दिखाई देंगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो बसें नपा को मिलने जा रही हैं, उनमें पांच मिनी बसें भी शामिल हैं। यह बसें शहर के चारों ओर की सीमाओं तक चलाई जाएंगी, जिससे रोजाना यात्रियों को सफर करने का एक नया विकल्प भी मिलेगा।
इनकी खासियत होगी कि यह सुविधाओं से परिपूर्ण होंगी, साथ ही संचालन भी बकायदा कंट्रोल रूम बनाकर किया जाएगा, जिससे यात्रियों को परेशानी न हो। गुरुवार को इसको लेकर नगरपालिका में बस संचालकों, मप्र परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच लंबी चर्चा हुई। बैठक में नपा अध्यक्ष ने बताया कि योजना के तहत नपा को 57 बसें मिली हैं। इनमें से 52 बसें इंटरसिटी होंगी, जो शहर के बाहर अन्य जिलों तक लोगों की सुविधा के हिसाब से चलाई जाएंगी। वहीं पांच बसें इंटरासिटी सिटी होंगी, जो शहर के आसपास विभिन्न रूटों पर संचालित होंगी। इस दौरान पूरे योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी भी दी गई।
बैठक में शामिल सभी बस ऑपरेटरों को बताया कि यह लग्जरी बसें उन्हें टेंडर प्रक्रिया के आधार मिलेंगी। नगरपालिका जल्द ही निविदा जारी करेंगी। निविदा में खास बात यह है कि अगर कोई बस ऑपरेटर इन्हें फाइनेंस कराना चाहेगी, तो उसके लिए यह सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। टेंडर की शर्तों के मुताबिक जो बस ऑपरेटर जितनी अधिक राशि अपनी ओर से लगाएगा, उसे बसें आवंटित करने में प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में बसों के संचालन के लिए नपा ने ऑपरेटरों से उनके सुझाव भी मांगे। इसके बाद तय किया गया कि जल्द ही बस ऑपरेटर रूट निर्धारित कर नपा को देंगे। इसके बाद नपा और ट्रांसपोट विभाग रूट निर्धारित कर टेंडर बुलाएंगे। गुरुवार को हुई बैठक में शहर के बस संचालकों के अलावा प्रभारी सीएमओ सुरेश कुमार जैन, नोडल अधिकारी हरीश श्रीवास्तव, योजना के लिए नियुक्ति चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर भूपेंद्र कुमार चौहान भी मौजूद रहे।
बस टर्मिनल के लिए मिले 5 करोड़
योजना के संचालन में सबसे बड़ी बस टर्मिनल की बाधा भी दूर हो गई है। बस संचालकों के साथ बैठक में नपाध्यक्ष ने जानकारी दी कि शासन ने इसके लिए पांच करोड़ की राशि मंजूर कर दी है, जो संभवत: एक हफ्ते प्राप्त हो जाएगी। इसके अलावा टर्मिनल बनाने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर के पास जमीन भी आवंटित कर दी गई है। इसी जमीन पर नगरपालिका यह टर्मिनल बनाएगी, जो हाईटैक सुविधाओं से परिपूर्ण होगा।
यानि बसों में लगने वाले जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल भी यहीं रहेगा। जिससे यह पता लगाया जाएगा कि बसों की स्थिति क्या है। इसके अलावा बसों के रख-रखाव के लिए भी यह जगह इस्तेमाल की जाएगी। इस कंट्रोल रूम का संचालन भी नपा और मप्र ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त रूप से करेंगे। बस ऑपरेटरों को अगर कोई परेशानी होगी तो वह सबसे पहले यहीं अवगत कराएंगे। टर्मिनल का काम ही शीघ्र ही नगरपालिका द्वारा शुरु कर दिया जाएगा, ताकि फरवरी या मार्च महीने से सभी बसों को विभिन्न रूटों पर चलाना शुरु किया जाए।