
पत्रिका अलर्ट : बारिश थमते ही कॉलोनियों में जल भराव ने नागरिकों की चिंता बढ़ाई
गुना. बारिश रुकते ही जनता के साथ-साथ शासन-प्रशासन ने राहत की सांस ली है। लेकिन अब भी पूरी तरह से परेशानियां कम नहीं हुई हैं। क्योंकि शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में अब भी रिहायशी इलाकों में जल भराव की स्थिति बनी हुई है। यदि समय रहते इस समस्या से नहीं निपटा गया तो लोग कई गंभीर संक्रामक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। कलेक्टर ने बीते दिनों एक बैठक के दौरान स्वास्थ्य और जिले की सभी नगरीय निकायों को अलर्ट करते हुए निर्देश दिए थे कि वे क्षेत्र में जल भराव की स्थिति न होने दें। क्योंकि इस वजह से संक्रामक बीमारियां फैलने का अंदेशा बढ़ गया है।
जानकारी के मुताबिक शहर में कुल 37 वार्ड हैं, इनमें से एक भी वार्ड ऐसा नहीं है जहां इस समय जल भराव की स्थिति न हो। पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि इस तरह के हालात बनने की मुख्य वजह जल निकासी की उचित व्यवस्था न होना है। अधिकांश कालोनियों में नालिया बनी ही नहीं हंैं। वहीं जहां हैं भी तो पानी निकासी ठीक नहीं हैं। कॉलोनियों में कई प्लाट खाली पड़े हैं। जिनमें इस समय पानी भरा हुआ है। जिससे डेंगू, मलेरिया, डायरिया, हैजा, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की आशंका बनी हुई है। चिकित्सकों का भी मानना है कि बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी व कीचड़ जमा होने के कारण उसमें मच्छर व तरह-तरह के बैक्टीरिया पैदा होते हैं जो कि विभिन्न प्रकार की बीमारियों को पैदा करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा मौसम में नमी होने के कारण बैक्टीरिया अधिक पनपते है, जो पानी को दूषित कर बीमारियों का कारण बनते है।
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पानी में पनपता है डेंगू व मलेरिया फैलाने वाला मच्छर
डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। डॉक्टर के अनुसार मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। यह रोग मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है।
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प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थो से फैलता है डायरिया
इस मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं। खास तौर पर बरसात में दूषित पानी और खाद्य पदार्थो के सेवन के कारण होता है। इसलिए खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखें, पानी उबालकर व छानकर पिएं और हाथ धोने के बाद ही कुछ ग्रहण करें।
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दूषित खाने व पेय पदार्थों से होता है हैजा
डॉक्टर के अनुसार हैजा विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु के कारण फैलने वाला यह रोग दूषित खाने व पेय पदार्थों के कारण होता है। पेट में ऐंठन के साथ लगातार होने वाले उल्टी-दस्त इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होना, और मिनरल्स की कमी हो जाती है। मरीज बेहद कमजोर हो जाता है।
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जोड़ों में तेज दर्द है तो हो सकता है चिकनगुनिया
चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है। ऐसे में जोड़ों में तेज दर्द होता है। इन बीमारियों का कारण जल जमाव है, इनसे बचने के लिए हम सभी को अपने आस पास जल-जमाव न होने देने के लिए प्रयास करना होगा।
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जल भराव रोकने पर नपा का ध्यान नहीं
प्रशासन पहले ही नपा सहित आम जनता को अलर्ट कर चुका है कि वे अपने क्षेत्र में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न होने दें। लेकिन इस निर्देश का पालन कराने के प्रति नपा अधिकारी कतई गंभीर नहीं है। यही कारण है कि बारिश थमने के बाद नपा ने जल भराव को रोकने के लिए कोई प्रयास शुरू नहीं किए हैं। वहीं कॉलोनियों में जो स्थिति है उसके आगे नागरिक बेवश हैं। वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। मलेरिया विभाग ने भी अब तक शहर के किसी भी हिस्से में फोगिंग नहीं कराई है और न डीडीटी का छिड़काव कराया है।
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जल भराव वाले स्थानों पर केरोसिन डाल दें
बारिश के बाद हर साल जल भराव के हालात पैदा होते हैं। इस रुके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं, जो डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, और गैस्ट्रोएन्टराइटिस, पीलिया, जुकाम, चिकनपाक्स, पेचिश, मियादी बुखार, अतिज्वर, हैजा, कुकुर खांसी
बीमारियों का कारण बनते हंै। इसलिए यदि घर के आस पास गड्ढे आदि में जलभराव हो तो उसमें केरोसिन डाल दें। इससे लार्वा नष्ट हो जाएगा।
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संक्रामक बीमारी फैलने का यह कारण भी
आमतौर पर संक्रामक बीमारी गंदगी की वजह से फैलते हैं। इन दिनों गांव में देखने को मिल रहा है कि जो हैंडपंप लगे हुए हैं वहां-वहां गंदगी का अंबार ही नहीं दलदल भी है। इस गंदी में लगे हैंडपंपों का पानी लोग पी रहे हैं। वहीं घरों से लेकर घेर और मैदान में जलभराव के साथ-साथ जलभराव की स्थिति है। यहां गंदगी और जलभराव के चलते मच्छर पनप रहे हैं और उनके साथ-साथ बीमारियां भी पनप रही हैं। यही कारण है कि गांव के लोग गंदगी और जलभराव के कारण संक्रामक रोगों के शिकार हो रहे हैं।
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बचाव के तरीके
साफ-सफाई बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
खाने से पहले हाथ धोना सबसे ज़्यादा जरूरी है। कहीं न कहीं हम उसमें लापरवाही कर जाते हैं.
डाइट अच्छी रखें, ताज़ा खाना और फल खाएं।
बाहर का खाना भी खाने से बचें और बासी खाना न खाएं।
लोग अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखें।
जहां जलभराव है वहां कैरोसिन डाल दें।
गंदगी में लगे हैंडपंप का पानी बिल्कुल न पिएं।
Published on:
12 Aug 2021 01:50 am
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