
गुना. मध्यप्रदेश के ब्यूरोक्रेट गलियारे में पिछले दिनों आई एक खबर से हड़कंप मच गई थी। जिसमें गुना जिले के अपर कलेक्टर पर अपने सहयोगियों से हर दिन शाम को नॉनवेज और दारू मांगने का आरोप लगा था। जिले की एसडीएम शिवानी गर्ग ने ऑफिसियल ग्रुप में एक मैसेज डाल किसी भी कर्मचारी को वहां ये चीजें पहुंचाने से मना कर दी थी।
इस खबर से जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था। ऐसे में अब लोग भी जाननते चाहते हैं कि वो एडीएम साहब कौन हैं। ऐसे संगीन आरोप लगने के बाद वह कहां है। जो अपने ही मताहतों से हर शाम अपनी डिमांड पूरी करने को कहते थे। लोग यह भी जानना चाह रहे हैं कि क्या सरकार ने उनपर कोई कार्रवाई की है।
हो गया है तबादला
इन आरोपों के बाद ही गुना के एडीएम दिलीप मंडावी का पांच जून को ही तबादला हो गया था। एसडीएम द्वारा ग्रुप में डाले गए मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। उसके बाद ही एडीएम दिलीप मंडावी पर कार्रवाई की गई थी। दिलीप मंडावी को गुना से हटाकर भोपाल स्थित मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।
क्या बोली थी एसडीएम
एसडीएम शिवानी गर्ग ने कहा था कि हर शाम एडीएम पदाधिकारियों को फोन कर उनसे अल्कोहल और नॉनवेज की डिमांड करते थे। यह मांगें अनुचित थी, पिछले दो-तीन महीने से हमलोगों के द्वारा यह पूरी भी की जा रही थी लेकिन उनकी मांगे बढ़ती जा रही थीं। इसके बाद मैंने व्हाट्स ग्रुप में मैसेज डाला कि ऐसी अनुचित मांगे पूरी करने की जरूरत नहीं है। वह अपने ऊपर दबाव एसडीएम शिवानी गर्ग ने कहा कि जब मागे पूरी नहीं होती तो वे हमलोगों को बिना कारण फोन करके डांटते हैं।
क्या था मामला
गुना जिले में पदस्थ नायब तहसीलदार, पटवारी समेत कई अधिकारियों ने एक पत्र लिखा है। पत्र में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और गुना कलेक्टर से वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत की है। पत्र में लिखा गया है कि अपर कलेक्टर दिलीप मंडावी द्वारा शराब, मांस एवं अन्य निजी उपयोग की वस्तुओं की मांग की जाती है। मांग न पूरी होने पर झूठे केस बनाकर भविष्य खराब करने की धमकी देते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं।
ग्रुप में डाली थी यह मैसेज
दरअसल, शिवानी गर्ग ने ऑफिसियल ग्रुप में मैसेज डाला था कि अगर किसी तहसीलदार, आर आई या पटवारी ने मंडावी को शराब या चिकन पहुंचाया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद जिले के प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। जैसे ही जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को यह पता चला तो एसडीएम ने ग्रुप में शामिल पटवारी और अन्य सदस्यों को बुलाया और उनके मोबाइल से इसे डिलीट भी करा दिया।
Published on:
09 Jun 2019 03:17 pm
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