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पांच दशक पहले बंटवारे की बात, जाने क्या है खास

locationगुडगाँवPublished: Dec 07, 2019 12:28:10 am

Submitted by:

satyendra porwal

पंजाब विधानसभा में मांगा अपना हिस्सा, सौंपा संपत्ति का ब्योरा। हरियाणा का दावा, पंजाब ने कर रखा है बीस कमरों पर कब्जा।स्पीकर गुप्ता ने पंजाब स्पीकर से की मुलाकात।

पांच दशक पहले बंटवारे की बात, जाने क्या है खास

पांच दशक पहले बंटवारे की बात, जाने क्या है खास

(चंडीगढ़). हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा के स्पीकर केपीएस राणा के साथ शुक्रवार को मुलाकात कर पंजाब विधानसभा में हरियाणा का हिस्सा मांग लिया है। हरियाणा का दावा है कि पंजाब ने हरियाणा के हिस्से के बीस कमरों पर कब्जा कर रखा है। यह करीब चार हजार वर्ग फीट जगह है।
ना डिप्टी सीएम को आफिस मिला ना…
हरियाणा विधानसभा में जगह की कमी के चलते अधिकारियों व कर्मचारियों को बैठने में दिक्कत आ रही है। विधानसभा के पास कमरे नहीं हैैं, जिस कारण न तो डिप्टी सीएम को आफिस मिल पाया और न ही विधानसभा को पेपरलैस करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सका। पंजाब विधानसभा ने हरियाणा के जिन कमरों पर कब्जा कर रखा है, उनमें से कई में पंजाब के कार्यालय चल रहे, जबकि कुछ कमरों को स्टोर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
20 कमरों पर जताई दावेदारी
गुप्ता ने राणा को पंजाब विधानसभा में हरियाणा के हिस्से के कमरों की पूरी सूची सौंपी तथा भूतल, निचली व पहली मंजिल पर बने 20 कमरों पर दावेदारी जताई। गुप्ता के अनुसार पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के समक्ष स्पीकर के स्तर पर यह मुद्दा पहली बार उठाया गया है। पंजाब के स्पीकर ने सकारात्मक रुख दिखाया है। दोनों राज्यों की विधानसभा के सचिव जल्द ही बैठक करेंगे और उसमें नीतिगत चर्चा करने के बाद उचित फैसला लिया जाएगा। गुप्ता के अनुसार राणा ने हरियाणा को उसके हिस्से की जगह देने का भरोसा दिलाया है।
ऐसे हुआ था बंटवारा
एक नवंबर 1966 को पंजाब से अलग होकर हरियाणा बना था। तब पंजाब एवं हरियाणा के बीच विधानसभा जगह का बंटवारा हुआ था। कुल जगह 66 हजार 430 वर्ग फीट है। पंजाब विधानसभा सचिवालय को तब 30 हजार 890 वर्ग फीट, पंजाब विधानसभा परिषद सचिवालय को 10 हजार 910 वर्ग फीट और हरियाणा विधानसभा सचिवालय को 24 हजार 630 वर्ग फीट जगह का आवंटन हुआ था। हरियाणा के पास फिलहाल 20 हजार वर्ग फीट जगह है, जो आवंटित जगह का 27 फीसदी है। 1966 में हरियाणा विधानसभा के 54 विधायक थे। 1967 में 81 सदस्यीय विधानसभा हो गई और 1977 में 90 सदस्यीय विधानसभा हुई, जो अभी तक चल रही है।

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