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स्टेम सेल का सफल प्रत्यारोपण, युवक को मिला जीवन दान

अस्थि कैंसर के भारत हर साल बढ़ रहे पांच हजार रोगी

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Yuvraj Singh Jadon

Jul 15, 2015

steam cells

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गुडग़ांव। भारत में नए मेडिकल हब के रूप में स्थापित हो चुके साइबर सिटी गुडग़ांव के एक चिकित्सक ने राजस्थान के एक नौजवान का सफलतापूर्वक स्टेम सेल प्रत्यारोपण करके उसे नया जीवन दिया है। इस समय रोगी पूरी तरह ठीक है और वह अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। स्थानीय आर्टिमट्स अस्पताल में मेडिकल ओंकोलॉजी एवं हीमैटोलॉजी विभाग के कंसलटैंट डॉ.राहुल भार्गव की टीम ने यह आप्रेशन किया है।

डॉ.भार्गव के प्रवक्ता ने देते हुए जानकारी में बताया कि जयपुर निवासी 22 वर्षीय रजत को करीब छह माह से एक्यूट लिंफोब्लासटिक ल्यूकेमियां की समस्या थी। बवासीर की समस्या के कारण उसे जब अस्पताल में भर्ती किया गया तो पता चला कि उसके रक्त में हीमोगलोबिन की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है। रजत के परिजन इसके लिए बवासीर को मुख्य कारण मानते रहे। बवासीर की सर्जरी के बाद रक्त चढ़ाने पर भी जब रक्त में हीमोगलोबिन की संख्या नियंत्रित नहीं हुई तो जयपुर में चिकित्सकों ने रजत को एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया बीमारी होने की पुष्टि की। जिसके बाद वह परिजनों के साथ आर्टिमिट्स अस्पताल में पहुंचा।

डॉ.राहुल भार्गव ने जब रजत के परिवार के सदस्यों के बोन मैरो की जांच की तो उसकी एक बहन का बोन मैरो मैच कर गया। इसके बाद यहां उसका सफलतापूर्वक स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया गया। डॉ.भार्गव ने बताया कि इस समय रोगी पूरी तरह स्वास्थ्य है। उन्होंने बताया कि 50 वर्ष पहले तक जहां एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया को लाइलाज समझा जाता था वहीं आज स्टेम सेल प्रत्यारोपण इसका सफल व कारगर इलाज है। एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया दुर्लभ किस्म का रक्त अथवा अस्थि मज्जा कैंसर है। भारत में हर साल इसके पांच से छह हजार मामलों का पता चलता है।

क्या है ल्यूकेमिया
==ल्यूकेमिया कुछ रक्त कोशिकाओं, विशेष रूप से सफेद कोशिकाओं या ल्यूकोसाइट्स को प्रभावित करता है। जो संक्रमण और बीमारी के खिलाफ शरीर की रक्षा करता है।
==ल्यूकेमिया कई प्रकार के होते हैं। इनका वर्गीकरण मुख्य रूप से कैंसर विकसित के तरीके और प्रभावित सफेद रक्त कोशिकाओं की किस्म के अनुसार किया जाता है।

ल्यूकेमिया के लक्षण
==सामान्य रूप से कमजोरी और थकान
==रक्ताल्पता-रोगी असामान्य रूप से पीला, कमजोर और थका हुआ दिखता है।
==अक्सर संक्रमण होना, बुखार, ठंड लगना या फ्लू जैसे लक्षण प्रकट होना
==वजन में कमी आना
==अत्याधिक एवं आसानी से चोट लगना, खून बहना
==सांस लेने में तकलीफ
==पेट में परेशानी

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