नींद की कमी के कारणों पर जब चिकित्सकों ने शोध की तो बेहद आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए। इसका सबसे बड़ा कारण बिस्तर पर जाने से पहले स्मार्टफोन और टैबलेट के इस्तेमाल का चलन बढऩा बताया गया है, जो मेलाटोनिन के स्तर को शरीर में कम कर देता है, जिससे सोना मुश्किल हो जाता है। कपूर ने कहा कि जब दिल के दौरे और हृदय रोग की बात आती है तो पर्याप्त नींद लेना धूम्रपान नहीं करने जितना फायदेमंद साबित होता है। रात में सात घंटे या इससे अधिक सोने से घातक दिल के दौरे और सीवीडी का खतरा 24 प्रतिशत तक कम हो जाता है।