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नींद पूरी न होने से बढ़ता है दिल के दौरे का अधिक खतरा

दिल के दौरे से पीडि़त 90 फीसदी युवा कम सोने वाले, मेदांता मेडिसिटी के वरिष्ठ निदेशक ने जारी की रिपोर्ट

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Yuvraj Singh Jadon

Sep 27, 2015

Heart Attack

Heart Attack

गुडगाँव। कम उम्र में दिल के दौरे से पीडि़त युवाओं पर विशेष रुप से किए गए गए एक बेहद संवेदनशील अध्ययन में पता चला है कि कम सोन के घातक परिणाम हैं। दिल के दौरे से पीडि़त 90 फीसदी युवाओं में कम सोने वाले हैं। विश्व हृदय दिवस के अवसर पर मेदांता, द मेडिसिटी में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ निदेशक डॉ.रजनीश कपूर ने आज यहां एक अध्ययन रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि हृदय रोगियों में अन्य कारणों के अलावा अपर्याप्त नींद दिल का दौरा पडऩे वाले युवा मरीजों में बड़ा सामान्य कारण बन गया है।

यह अध्ययन 40 वर्ष से कम उम्र के उन 104 युवा रोगियों पर आधारित है, जिन्हें दिल का दौरा पडऩे के बाद मेदांता मेडिसिटी में लाया गया। अध्ययन में सबसे कम उम्र 19 वर्ष का पीडि़त रोगी था। इन रोगियों में 64 रोगी अत्याधिक धूम्रपान करने वाले तथा 19 मधुमेह पीडि़त रोगी थे। डॉ.रजनीश कपूर व उनकी टीम ने जब रोगियों के परिजनों से बात की तो पता चला कि आमतौर पर सभी रोगियों में पूरी नींद का अभाव रहा है।

अध्ययन में 68 रोगी ऐसे भी मिले जो 24 घंटे में केवल छह घंटे से भी कम समय नींद लेते थे। 92 रोगी ऐसे मिले जिनकी नींद का औसत समय सात घंटे से भी कम था। डॉ.रजनीश कपूर ने बताया कि स्लीप डिसआर्डर से पीडि़त रोगियों को सिर्फ 5 से 14 साल बाद ही दिल का दौरा पडऩे का खतरा 2 से 2.6 गुणा अधिक और स्ट्रोक का खतरा 1.5 से 4 गुणा अधिक होता है।

नींद की कमी के कारणों पर जब चिकित्सकों ने शोध की तो बेहद आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए। इसका सबसे बड़ा कारण बिस्तर पर जाने से पहले स्मार्टफोन और टैबलेट के इस्तेमाल का चलन बढऩा बताया गया है, जो मेलाटोनिन के स्तर को शरीर में कम कर देता है, जिससे सोना मुश्किल हो जाता है। कपूर ने कहा कि जब दिल के दौरे और हृदय रोग की बात आती है तो पर्याप्त नींद लेना धूम्रपान नहीं करने जितना फायदेमंद साबित होता है। रात में सात घंटे या इससे अधिक सोने से घातक दिल के दौरे और सीवीडी का खतरा 24 प्रतिशत तक कम हो जाता है।



राहगिरी में दिल बचाने को दौड़ा साइबर सिटी
साइबर सिटी में हर सप्ताह आयोजित होने वाले राहगिरी कार्यक्रम के दौरान आयोजित मैराथन में रविवार को शहर वासी हृदय बचाने का संदेश देते हुए दौड़े। रन फार हार्ट नामक मैराथन को मेदांता मेडिसिटी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ.नरेश त्रेहन तथा हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.रजनीश कपूर और पूर्वी गुडग़ांव के डीसीपी दीपक सहारन ने झंडी दिखाकर रवाना किया।

कार्यक्रम के दौरान आयोजित मिनी मैराथन में 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ.त्रेहन ने लोगों को वैलनेस पर जोर दिया तो डीसीपी दीपक सहारन ने पुलिस द्वारा चलाए जा रहे कार मुक्त दिवस और रोमियो मुक्त दिवस पर चर्चा की।

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