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DIFFERENT: चला रहा था रिक्शा… अचानक 50 लाख की लॉटरी और फिर… बल्ले बल्ले

50 lakh lottery: पश्चिम बंगाल (West bengal) के मूलनिवासी साईकिल-रिक्शा चालक (cycle rickshaw driver) गौर दास वर्षों से रिक्शा चलाकर किसी तरह परिवार के छह लोगों का पेट पाल रहा था। अचानक 50 लाख रुपये की लॉटरी (50 lakh lottery) लगी और पल भर में वह लखपति ( Millionaire) बन गया।

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DIFFERENT: चला रहा था रिक्शा... अचानक 50 लाख की लॉटरी और फिर... बल्ले बल्ले

DIFFERENT: चला रहा था रिक्शा... अचानक 50 लाख की लॉटरी और फिर... बल्ले बल्ले

सुवालाल जांगु/कोहिमा : मुकद्दर कब किसको रंक से राजा बना दे पता ही नहीं चलता। पश्चिम बंगाल के मूलनिवासी साईकिल-रिक्शा चालक गौर दास वर्षों से रिक्शा चलाकर किसी तरह परिवार के छह लोगों का पेट पाल रहा था। अचानक 50 लाख रुपये की लॉटरी लगी और पल भर में वह लखपति बन गया। गौर दास की कहानी इसलिए भी रोचक है कि उसने इससे पहले कभी लॉटरी नहीं खरीदी थी। दास ने बताया कि अगर 29 सितंबर को बारिश के चलते मित्र चालकों के साथ पिकनिक पार्टी पर जाना रद्द नही होता तो शायद वह लखपति नहीं बन पाता।

किस्मत ने कैसे दिलवाई लॉटरी टिकट

गौर दास ने बताया कि बारिश के चलते पिकनिक पर नही जाने के बाद वह घर जा रहा था। तभी देखा कि एक आदमी नागालैंड राज्य की लॉटरी के टिकट बेच रहा है। दास के पास केवल 70 रुपये थे और वह लॉटरी टिकट खरीदने का इच्छुक नही था। लॉटरी टिकट बेचने वाले व्यक्ति ने बार-बार दास से टिकिट खरीदने को कहा तो दास ने एक टिकिट 30 रुपये में खरीद ली और बारिश में उसे संभालकर घर ले गया।

और फिर दास बन गया लाखों का मालिक

सोमवार दोपहर को लॉटरी शॉप पर परिणाम देखने गये दास ने पाया की उसका लॉटरी टिकिट नंबर को 50 लाख रुपये का जैकपोट लगा है। लॉटरी जीतने की खुशी में वह बिना चप्पलों के ही घर दौड़ गया और पत्नी को खुशखबरी दी। डर के चलते उसने पड़ोसियों को भनक तक नहीं लगने दी। अगले दिन दास ने लॉटरी टिकट को बैंक में जमा किया। इसके बाद दास के घर बधाईयों का तांता लग गया। दास ने बताया कि इन पैसों से वह परिवार के लिए घर बनवाएगा बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाएगा।