
असम ने रचा इतिहास, एक साथ 644 उग्रवादियों ने छोड़े हथियार, CM ने किया स्वागत,असम ने रचा इतिहास, एक साथ 644 उग्रवादियों ने छोड़े हथियार, CM ने किया स्वागत,असम ने रचा इतिहास, एक साथ 644 उग्रवादियों ने छोड़े हथियार, CM ने किया स्वागत
(गुवाहाटी,राजीव कुमार): पिछले दो साल से मुख्यधारा में लौट चुके असम के आठ उग्रवादी संगठनों के 644 सदस्यों ने गुरुवार को औपचारिक रुप से राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के सामने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।
इन संगठनों के उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण...
इनमें यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी गुट के पचास, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के आठ, कमतापुर लिबरेशन आर्गेनाइजेशन(केएलओ) के छह, राभा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (आरएनएलएफ) के 13, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओवादी(सीपीआई-एम) का एक, नेशनल संथाल लिबरेशन आर्मी (एनएसएलए) के 87, आदिवासी ड्रेगन फाइटर (एडीएफ)के 178 और नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बेंगोली (एनएलएफबी) के 301 कैडरों ने आत्मसमर्पण किया।
विस्फोटक और हथियार बरामद...
इन 644 सदस्यों ने 177 हथियार, 1686 गोला-बारुद, 1.93 किग्रा विस्फोटक, 52 ग्रेनेड, 71 बम, तीन राकेट लांचर, 58 मैगजिन, 17 खुखरी, दो आरटी सेट और 306 डिटेनेटर सौंपे।
सीएम ने की अन्य लोगों से भी अपील...
मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादी सदस्यों को पारंपरिक असमिया गामोछा पहनाकर स्वागत करने के साथ ही उनसे हथियार लिए। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यधारा में लौटे उग्रवादी सदस्यों को नए जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जब से इस सरकार ने कार्यभार संभाला था तब से वह राज्य को प्रदूषण मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त और आतंकवाद मुक्त करने के लिए प्रयासरत है। इसके चलते ही लोगों का विश्वास सरकार पर बढ़ा है। उन्होंने अब तक मुख्यधारा में न लौटे उग्रवादियों से अपील की कि वे भी मुख्यधारा में लौटकर राज्य के विकास में योगदान दें।
राज्य में शांति का वातावरण न होने से विकास नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इनके पुनर्वास के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। इस अवसर राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव(गृह) जिष्णु बरुवा ने चेतावनी दी कि मुख्यधारा में लौटे उग्रवादी सदस्यों का स्वागत है। लेकिन वे किसी अपराधिक कार्य में पाए गए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही पुनर्वास की योजना से वंचित कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि खूंखार एनडीएफबी(एस) के सदस्य भी हाल ही में मुख्यधारा में लौटे हैं। लेकिन उन्हें आत्मसमर्पण नहीं किया है। वे सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहे हैं।
Published on:
23 Jan 2020 03:06 pm
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