
पुलिस खुद हुई मॉब लिंचिंग की शिकार, चोरी की भैंस बरामद करने गई थी तभी...
(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम में चोरी की भैंस बरामद करने गई पुलिस खुद मॉब लिंचिंग (Mob lynching) का शिकार हो गई। ग्रामीणों ने इन्हें बच्चा चोर समझकर पीट डाला। इस घटना में सात पुलिसकर्मियों समेत कुल 9 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
झुंड ने गाड़ी को जलाया...
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 9 अक्टूबर को कछार जिले के धनेहरि गांव से एक भैंस चोरी हुई थी। हैलाकांदी जिले के निताईनगर में भैंस होने की बात पता चली। भैंस मालिक बटालियन के जवान जमीर हुसैन, सफिकुद्दीन लश्कर समेत तीन को लेकर निताईनगर पहुंचा। इन लोगों ने अपनी भैंस की शिनाख्त की। जिस घर में भैंस रखी थी उस घर के मालिक ने घटना को एक दूसरा रूप दे दिया। उसने चारों लोगों को बच्चा चोर कहकर चिल्लाना शुरु किया। तब स्थानीय लोगों के झुंड ने गाड़ी को जला दिया और चारों की जमकर पिटाई शुरू कर दी।
बचाने आए उन्हें भी पीटा, स्थिति तनावपूर्ण...
घटना की जानकारी मिलने से हैलाकांदी के डीएसपी नयनमणि बर्मन, सदर थाना प्रभारी हेमंत कुमार दास के नेतृत्व में पुलिस-केंद्रीय अर्द्ध सुरक्षा बलों का एक दल उस स्थान पर पहुंचा। तब स्थानीय लोगों ने उन पर भी हमला कर दिया। इस हमले में भैंस का मालिक जमीर हुसैन, सफिकुद्दीन लश्कर, डीएसपी नयनमणि बर्मन, अलगापुर के थाना प्रभारी भरत चंद्र कुंवर, हैलाकांदी के थाना प्रभारी हेमंत कुमार दास, पुलिस निरीक्षक अशोक चक्रवर्ती, कांस्टेबल फकरुल इस्लाम लश्कर, सीआरपीएफ जवान राहुल शिंदे और कांस्टेबल फाइजुल रहमान घायल हुए। अब भी इलाके की स्थिति तनावपूर्ण बताई गई है।
अफवाह से बचे...
हैलाकांदी के पुलिस अधीक्षक पवींद्र कुमार नाथ ने कहा कि घटना की वे जांच कर रहे हैं। उधर जिला उपायुक्त कीर्थि जलील ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें। हम लोगों को सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रशासन और पुलिस इस घटना के बाद मुस्तैद है। जिले के पुलिस थानों में लोगों की गुमशुदगी या अपहरण की कोई रिपोर्ट नहीं है। अफवाहों से लोग गुमराह न हों। शांति बनाए रखें।
Published on:
12 Oct 2019 06:02 pm
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