
कंट्रोल कमांड सेंटर पर हर महीने हो रहे 12 लाख खर्च फिर भी 10 सर्विस बंद
ग्वालियर. जिले के सभी शासकीय विभाग का डेटा एक ही स्थान पर रखे जाने व शहरवासियों को हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्मार्ट सिटी की ओर से मोतीमहल में 24 करोड़ की लागत से कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया गया।
कंट्रोल कमांड सेंटर के संचालन पर हर महीने 12 लाख रुपए भी खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन 21 सर्विस में से वीएमएस, पब्लिक बाइक शेयरिंग (पीबीएस), स्मार्ट बस, आपदा प्रबंधन, सोलर, साइनेज सुविधा, अमृत योजना प्रोजेक्ट का स्काडा सिस्टम सहित 10 सर्विस बंद पड़ी हुई हैं। इससे आमजन को परेशान होना पड़ रहा है और इसके संचालन करने वाले अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि कंट्रोल कमांड सेंटर का संचालन अप्रेल 2024 तक किया जाना है।
हालांकि पूर्व में स्मार्ट सिटी सीइओ नीतू माथुर की ओर से शासन को पत्र लिखकर इसके संचालन की जिम्मेदारी निगम अथवा स्मार्ट सिटी का कार्यकाल खत्म होने के बाद किसी दूसरी संस्था को दिए जाने की बात कही गई थी। हालांकि अभी स्मार्ट सिटी का कार्याकाल बढ़ाए जाने से इसका संचालन स्मार्ट सिटी की ओर से ही किया जा रहा है। लेकिन स्मार्ट सिटी के बाद इसकी जिम्मेदार निगम अथवा किसी दूसरे विभाग को भी दी जा सकती है।
पणजी व चंडीगढ़ में हुआ था मंथन
कंट्रोल कमांड सेंटर के संचालन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जनवरी 2023 में गोवा के पणजी में दो दिवसीय प्रशिक्षण में मंथन भी किया गया था। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकले जाने पर 27 व 28 अप्रेल को चढ़ीगण में भी दो दिवसीय प्रशिक्षण हुआ था। इसमें देशभर के 100 में से 70 शहरों के सीइओ द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी शामिल हुए। प्रशिक्षण में कंट्रोल कंमाड सेंटर को संचालन के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई बिंदु पर चर्चा हुई। ग्वालियर स्मार्ट सिटी की ओर से शिकायतें व आपदा प्रबंधन पर प्रेजेंटेशन दिया गया। वहीं भविष्य में कंट्रोल कंमाड सेंटर का संचालन स्मार्ट सिटी व निगम के रूप में किए जाने की रूपरेखा भी बताई गई।
निगम नहीं चला पाएगा कंट्रोल कंमाड सेंटर
शासन की ओर से अभी तो सेंटर का संचालन स्मार्ट सिटी कर रही है,लेकिन यदि भविष्य में नगर निगम को कंट्रोल कंमाड सेंटर की कमान सौंपी जाती है तो उसे चलाना निगम के लिए काफी मुश्किल होगा। क्योकि निगम के पास न तो कोई एक्सपर्ट इंजीनियर है और ना ही कोई ठोस प्लानिंग।
हर महीने हो रहा 12 लाख का भुगतान
स्मार्ट सिटी कंट्रोल कमांड सेंटर का अनुबंध एचपी कंपनी के साथ पांच साल यानी अप्रेल 2024 तक है। अनुबंध के तहत अभी एक साल तक एचपी को सेंटर को चलाना है। 24 करोड़ में बनाए गए कंट्रोल कंमाड सेंटर पर अभी 20 ऑपरेटर, 5 टेक्नीकल मैनेजमेंट सहित 29 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। यहां 21 सर्विस को जोड़ा जाना था,जिसमें से अभी 10 सर्विस चालू है और बाकी पर कार्य चलने की बात अधिकारी कह रहे हैं। वहीं हर महीने एचपी कंपनी को लगभग 12 लाख का भुगतान किया जा रहा है।
आईट्रिपलसी पर काम करने का है प्लान
राजधानी के स्मार्ट सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कंट्रोल कंमाड सेंटर को लेकर केंद्र व राज्य सरकार आईट्रिपलसी पर कार्य करना चाहते हैं यानी एचआर मॉडल टू और बिजनेस मॉडल टू। इससे सेंटर पर कार्य करने व अन्य खर्चे आमजन की वसूली से ही पूरे किए जा सके। वहीं भविष्य में नगर निगम को सेंटर का काम सौंपा जा सकता है।
ये सर्विस हैं चालू
स्मार्ट स्कूल, स्वच्छता कम्पलेंट,महापौर हेल्प लाइन, सभापति हेल्पलाइन, एलईडी, फसाड लाइङ्क्षटग, वाशरूम, वाहनों की जीपीएस सॉलिड वेस्ट, कोविड मॉनिटरिंग।
ये सर्विस हैं बंद
वीएमएस, पब्लिक बाइक शेयरिंग (पीबीएस), स्मार्ट बस, आपदा प्रबंधन, सोलर,साइनेज सुविधा, अमृत योजना प्रोजेक्ट का स्काड़ा सिस्टम व केंद्र व राज्य सरकार का कोई पोर्टल भी नहीं जुड़ पाया है।
Published on:
02 Jun 2023 05:48 pm
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