
हर दिन 2 लाख रुपये ख़र्च कर चाय की चुस्कियां लेता है शहर
श्योपुर। अंगे्रजों का मनपसंद पेय चाय को दूध की मिलावट के साथ पीकर लोग हर दिन लगभग 2 लाख रुपए के प्रत्यक्ष व्यापार में सहयोगी बन गए हैं। अधिकतर लोगों को शहर की चाय भाती है। चाय प्रेमियों की रुचि के कारण शहर में लगभग 150 फुटकर चाय बेचने वाले स्टॉल्स पर भीड़ रहती ही है। चाय विक्रेता बाबूलाल, गुप्ता, लखन आदि का कहना है कि उन सभी की स्टॉल से 200 से 500 कप तक चाय बिक जाती है। प्रतिदिन के इस व्यवसाय में फुटकर चाय विक्रेताओं के साथ-साथ थोक विक्रेता और अन्य सामान विक्रय करने वाले भी हिस्सेदार हैं। शहर की गली-चौराहे, होटल, ढाबे आदि पर लोग चाय की चुस्कियां लेते लोग दिख ही जाते हैं। दो दिन से बारिश के माहौल ने चाय के साथ पकौड़ों की बिक्री भी बढ़ा दी है। श्योपुर शहर की बात करें तो छोटी-बड़ी 150 से ज्यादा दुकानें हैं। एक दुकान पर औसतन 15 से 20 लीटर दूध की खपत होती है। एक लीटर दूध में लगभग 18 चाय बनती हैं इस हिसाब से एक चाय विक्रेता औसतन 300 चाय दिन भर में लोगों को पिला देता है।
खुली पत्ती ज्यादा पसंद
चाय विक्रेता बाबूलाल कहते हैं कि ब्रांडेड कंपनियों की चाय मंहगी आती है। मंहगी चाय का स्वाद भी लोगों की जुबान पर नहीं चढ़ता। जबकि खुली पत्ती थोक में खरीदकर लाते हैं। इसको छानकर बड़े दाने की चाय ही लोगों को पिलाते हैं। इसमें दूध के साथ इलायची और अदरक मिलाकर बनी चाय ही लोगों को पसंद है। नगर पालिका के पीछे, कलेक्ट्रेट के सामने, जिला पंचायत के कॉर्नर पर, बस स्टैंड के कॉर्नर पर, हिंदू धर्मशाला के नीचे, रेलवे स्टेशन, पीजी कॉलेज के सामने मौजूद चाय के स्टॉल लोगों के मिलने के लिए स्थाई ठिकाने बन गए हैं।
यह है दिन का कारोबार
-हर दिन करीब 170 किलो चाय की खपत होती है।
-बाजार में ब्रांडेड कंपनियां भी बड़े पैक मेें चाय विक्रय कर रही हैं।
-500 ग्राम, 1 किलो की सादा पैकिंग की बिक्री चाय के व्यवसाय में सबसे ज्यादा बिकती है।
-शहर में 50 बड़े चाय विक्रेता हैं।
-शहर में 100 से ज्यादा छोटे चाय स्टॉल हैं।
यह हैं चाय के फायदे
-चाय में मौजूद टैनिन व कैफीन शरीर में फुर्ती का अहसास कराता है।
-एलथिएनाइन अमीनो एसिड दिमाग को चुस्ती का अहसास कराता है।
लत लग जाए तो खराब
-मेडीकल जर्नल के एक शोध के अनुसार गर्म चाय गले के टिश्यूूज को नुकसान पहुंचाते हैं।
-अधिक और खाली पेट चाय पीने से एसीडिटी और सीने में जलन महसूस होती है।
-चाय में मौजूद कैफीन के लिए लत लगने की संभावना रहती है।
-ज्यादा चाय पीने से भूख मरने का खतरा रहता है।
-संतुलित आहार की बजाय ज्यादा चाय पीने से पेट की समस्या हो सकती है।
इसको लेकर बरतें सावधानी
प्लास्टिक के कप में गर्म चाय पीने से मेट्रो सेमिन, बिस्फिनोल ए और बर्ड इथाइल डेक्सिन नामक केमिकल शरीर में पहुंच जाते हैं। यह कैमीकल शरीर में घातक असर डालते हैं।
Published on:
19 Jun 2023 11:00 pm
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