
जनवरी 2016 में जारी हुए एक हजार के चेक में गड़बड़ कर निकाल लिए 7 लाख
ग्वालियर. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित में ऋण माफी, ऋण वितरण और धान खरीदी आदि में गबन सामने आने के बाद अब नागरिक सहकारी बैंक में भी एक ही चेक को तीन बार इस्तेमाल करके 7 लाख 98 हजार रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इसके अलावा बैंक के एटीएम से भी 13 बार छेड़छाड़ करके 1 लाख 30 हजार रुपए निकाले गए हैं। इसी तरह डॉ अंबेडकर नागरिक सहकारी बैंक में भी मास्टर कंप्यूटर सर्विसेस और इसके कर्मचारी वीरेन्द्र राठौर ने 22 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी। इस मामले में कंपू थाने मेंं एफआइआर दर्ज होने के बाद वीरेन्द्र की मां ने तीन लाख रुपए जमा करा दिए थे, अभी 19 लाख रुपए की वसूली बाकी है। दो प्रकरण में एक साल बीत चुका है, जबकि एक मामले में चार साल बीत चुके हैं, इसके बाद भी बैंक दोनों मामलों में राशि नहीं वसूल सका है।
इस तरह हुई धोखाधड़ी...
केस - 1 :
बैंक की सिटी सेंटर शाखा में खुले चालू खाते 8 दिसंबर 2015 को चेक क्रमांक 631117 के जरिए आरएम एंड कंपनी के नाम पर एक हजार रुपए पुणे शाखा के लिए जारी किया गया। इसका स्टेटमेंट मिलान 8 जनवरी 2016 को किया गया तब पता चला एक ही चेक को अंक और शब्दों में नाम, राशि धोखाधड़ी के साथ परिवर्तन कर तीन स्थानों पर सेलर रत्तू दत्ताराम और शिमोगा (कनार्टक) के पक्ष में 7 लाख 98 हजार भुगतान ले लिया। गलत तरीके से भुगतान पर सहकारी बैंक ने 11 जनवरी 2016 को इंडसइंड बैंक सिटी सेंटर को पत्र लिखा। सूचना आरबीआइ, पंजीयक सहकारी संस्थाएं और विश्वविद्यालय थाने को दी गई थी। 10 फरवरी 2016 को एफआइआर दर्ज हुई और वर्तमान में राशि वसूली के लिए सिविल न्यायालय में प्रकरण लंबित है।
केस - 2 :
बैंक की माल रोड और सिटी सेंटर शाखा के परिसर में स्थित एटीएम से 15 और 16 मई 2019 को पेटीएम पेमेंट बैंक के कार्ड धारकों ने ने छेड़छाड़ करके गलत तरीके से पैसे निकाल लिए थे। यह पूरी घटना सीसीटीवी रिकॉर्ड हुई है। रिकॉर्डिंग में साफ दिख रहा था कि एटीएम से पैसे निकालने वाले ने पैसे कलेक्ट भी किए थे। इसके बाद निकाली गई रकम को एटीएम से छेड़छाड़ करके रिवर्स करवा रहा है। इसकी सूचना 17 मई 2019 को मुरार, विश्वविद्यालय थाना और क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई गई थी। एटीएम से छेड़छाड़ करके 13 बार लेन देन किया गया और 1.30 लाख रुपए निकाले गए थे। इसमें से 1.10 लाख रुपए बैंक को वापस मिल चुके हैं, जबकि 20 हजार रुपए बाकी हैं। इसकी एफआइआर 21 जून 2019 को दर्ज हुई थी।
Published on:
01 Jul 2020 06:25 pm
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